देश का सबसे प्रदूषित शहर है रायपुर
जेके कर | रायपुर: देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर रायपुर की हालत लगातार ख़राब होती जा रही है. रायपुर के उरला इलाके की सुरूज बाई हर वाक्य के बीच खांसती हैं और इस खांसी के साथ कई बार वे रक्त कणों से भरा हुआ बलगम थूक देती हैं.
सुरूज बाई कहती हैं-“मैं नहीं, हमारे मुहल्ले के हर घर का एक जैसा हाल है. हर घर में मेरे जैसे बीमार पड़े हुये हैं. रायपुर नरक बन गया.”
रायपुर के बीआर अंबेडकर अस्पताल में हर दिन ऐसे सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, जो दमा, टीबी जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं. सिलतरा, बीरगांव और उरला जैसे इलाकों में तो हर गली में श्वांस, त्वचा, एलर्जी और फेफड़े की बीमारी के मरीज मिल जाएंगे.
बीआर अंबेडकर अस्पताल के छाती रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा कहते हैं- “मैं 10 सालों से रायपुर में मरीज देख रहा हूं परन्तु पिछले तीन सालों में यहां पर वायु प्रदूषण के कारण दमा, एलर्जी के मरीज ज्यादा बढ़ गये हैं.”
उनका कहना है कि अभी गुरुवार को ही उऩकी एक मरीज मक्का से लौटी है. वहां पर वह ठीक थीं परन्तु रायपुर पहुंचते ही उन्हें दमे का दौरा पड़ा. डॉ.पंडा का कहना है कि जो मरीज पिछले तीन सालों में इलाज के बाद ठीक हो गये थे, वे फिर से इस साल दमा तथा एलर्जी की शिकायत लेकर आ रहे हैं.
पंडा कहते हैं-“रायपुर से बाहर जाते ही मरीजों को राहत मिलने लगती है.”
पिछले 15 सालों में रायपुर स्पांज आयरन, पावर प्लांट और स्टील उद्योगों से घिर गया है. दिन रात हवा में काला धुआं उगलते इन उद्योगों के कारण हवा में कई तरह के रासायनिक तत्व फैलते रहते हैं. लेकिन हवा में घुलते ज़हर को रोकने की कोई कोशिश कहीं नज़र नहीं आती.
देश के अलग-अलग शहरों में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण की निगरानी करता है. 254 शहरों में कम से कम 612 जगहों पर प्रदूषण मापने के उपकरण लगाये जाते हैं और इन उपकरणों के आधार पर देश में प्रदूषण की रिपोर्ट तैयार होती है.
पिछले पखवाड़े पर्यावरण मंत्रालय की आई रिपोर्ट में दस प्रदूषित शहरों में रायपुर एक बार फिर शीर्ष पर है. वायु प्रदूषण को लेकर आई इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण की स्थिति को दर्शाने वाले पार्टिकुलेट मैटर 2.5 की संख्या राजधानी रायपुर में 329 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग मीटर है.
पिछले कई सालों से रायपुर और छत्तीसगढ़ के प्रदूषण पर काम कर रहे रविशंकर विश्व विद्यालय के डॉक्टर शम्स परवेज का मानना है कि रायपुर में तीन तरह के प्रदूषण के कारण परेशानी बढ़ी है. परवेज के अनुसार बढ़ते उद्योग के अलावा खाना बनाने के लिये ठोस ईंधन का उपयोग और रोड ट्रैफिक के कारण रायपुर में प्रदूषण बढ़ा है.
डॉक्टर परवेज़ कहते हैं- “6 जनवरी 2016 को रायपुर में प्रदूषण 328 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग मीटर था. यह आंकड़ा बहुत भयानक है.”
यह गौरतलब है कि पिछले महीने जब बीजिंग में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 की संख्या 250 और 300 माइक्रोग्राम पहुंची थी, तब दुनिया भर में हंगामा मच गया था.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंदोपाध्याय कहते हैं- “हमारे यहां किसी बात पर हंगामा नहीं मचता. जिन सरकारों पर हमारी सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेवारी है, वे भी सब कुछ जानते-बूझते हुये चुप्पी साधे हुये हैं. यह रायपुर का दुर्भाग्य है.”
भारत सरकार द्वारा 2005 में रायपुर को पहली बार देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर घोषित किया गया था. इसके बाद दिसंबर 2015 में फिर से भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को यह तमगा दिया है.
क्र.सं. शहर PM10 (g/m3)
1. रायपुर 329
2. इलाहाबाद 250
3. गाजियाबाद 246
4. दिल्ली 215
5. कानपुर 199
6. फरीदाबाद 197
7. रांची 197
8. जोधपुर 189
9. अमृतसर 187
10. आगरा 182