राष्ट्र

सोमनाथ भारती की तलाश में छापेमारी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली पुलिस ने सोमनाथ भारती के गिरफ्तारी के लिये छापेमारी शुरु कर दी है. सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है. दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह ‘उग्र’ हैं. भारती के खिलाफ पत्नी लिपिका मिश्रा पर घरेलू हिसा का आरोप है. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय से खारिज होने के बाद उनकी तलाश में उनके घर और दफ्तर पर छापेमारी की, लेकिन वह वहां नहीं मिले. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पत्नी लिपिका मिश्रा पर घरेलू हिंसा के आरोपी भारती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

संयुक्त पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा, “दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उनके मालवीय नगर स्थित घर और कार्यालय पर छापा मारा, लेकिन वह दोनों स्थानों पर नहीं मिले.”

उन्होंने कहा, “हमें भारती को घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास मामले में गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ करनी है. इस बाबत उनकी पत्नी ने मामला दर्ज कराया है.”

भारती के खिलाफ पश्चिमी दिल्ली के द्वारका उत्तरी पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज है, जिसे उनकी पत्नी लिपिका मिश्रा की शिकायत पर दर्ज किया गया है.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने लिपिका द्वारा 10 जून को शिकायत दर्ज कराने के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई.

लिपिका का आरोप है कि साल 2010 में शादी के बाद से ही भारती उन्हें प्रताड़ित करते आ रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारती ने उन्हें मारा-पीटा एवं प्रताड़ित किया और यहां तक कि एक बार जान से मारने की कोशिश भी की.

न्यायालय ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप ‘बहुत गंभीर’ हैं.

न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि भारती ‘न केवल घर बल्कि सार्वजनिक जगहों पर भी उग्र और क्रूर हैं.’

भारती मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से आप के विधायक हैं. उनके खिलाफ पत्नी लिपिका मिश्रा ने घरेलू हिंसा, हत्या का प्रयास और सहमति के बिना गर्भपात कराने की प्राथमिकी दर्ज कराई है.

न्यायालय ने पुलिस द्वारा यह बताए जाने पर भी गौर किया है कि भारती की पूर्व में भी खिड़की एक्सटेंशन छापेमारी (जनवरी 2014) सहित दो अन्य मामलों में संलिप्तता रही है.

न्यायालय ने कहा, “जिससे दिखता है कि याचिकाकर्ता न केवल घर बल्कि सार्वजनिक जगहों पर भी उग्र और क्रूर हैं, जैसा कि ऊपर लिखित मामलों में कहा गया है.”

उच्च न्यायालय ने भारती को 15 सितंबर को 17 सितंबर तक गिरफ्तारी से राहत दी थी और बाद में इसे मंगलवार तक बढ़ा दिया था.

न्यायालय ने पाया कि भारती ने अदालत की ओर से गिरफ्तारी से राहत मिलने का ‘दुरुपयोग’ किया. अदालत ने कहा कि वह अदालत की ओर से राहत मिलने पर देर रात दो बजे पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को उनकी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मजबूर किया.

अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता के आचरण की किसी भी तरह से सराहना नहीं की जा सकती.”

error: Content is protected !!