हसदेव में पेड़ कटाई पर भड़के राहुल गांधी
रायपुर | संवाददाता: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई की कड़ी आलोचना की है.
उन्होंने सोशल मीडिया X फर लिखा-“हसदेव अरण्य में पुलिस बल के हिंसक प्रयोग से आदिवासियों के जंगल और ज़मीन के जबरन गबन का प्रयास आदिवासियों के मौलिक अधिकार का हनन है.”
राहुल गांधी ने लिखा-“छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दौरान विधानसभा में सर्वसम्मति से हसदेव के जंगल को न काटने का प्रस्ताव पारित हुआ था – ‘सर्वसम्मति’ मतलब विपक्ष यानी तत्कालीन भाजपा की भी सम्मिलित सहमति!मगर, सरकार में आते ही न तो उन्हें यह प्रस्ताव याद रहा और न हसदेव के इन मूल निवासियों की पीड़ा और अधिकार.”
उन्होंने लिखा- ‘बहुजन विरोधी भाजपा’ अपने और अपने मित्रों के स्वार्थ की खातिर आम नागरिकों और पर्यावरण को भयावह हानि पहुंचाने को तैयार है। आज देश भर के भाजपा शासित राज्यों में ऐसे ही हथकंडों और षड़यंत्रों से आदिवासी अधिकारों पर लगातार आक्रमण किए जा रहे हैं.आदिवासी भाइयों और बहनों के जल, जंगल, ज़मीन की रक्षा कांग्रेस हर कीमत पर करेगी.”
इधर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी हसदेव के मामले में चुप्पी तोड़ी है
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि अडानी की कोयला खदानों के लिए आदिवासियों को जंगल से बेदखल किया जा रहा है.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया X पर लिखा- “पूरे देश में आदिवासियों पर अत्याचार करना भाजपा की नीति बन गई है. जो आदिवासी सदियों से जंगलों के मालिक हैं, उन्हें बेदखल किया जा रहा है ताकि अडानी जी की खदानें चल सकें.
कांग्रेस नेता ने लिखा- “क्या छत्तीसगढ़ में संविधान की पांचवी अनुसूची के क्षेत्र समाप्त कर दिये गये हैं? इसके तहत संरक्षित क्षेत्र से आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है. क्या आदिवादियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार और पुरखों की विरासत का फैसला फर्जी प्रक्रियाओं के जरिये होगा?”
उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित संकल्प की याद दिलाते हुए लिखा- “कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ नहीं काटे जाएंगे. भाजपा ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया था, लेकिन आज आदिवासियों के विरोध के बावजूद जंगल खाली करने को कहा जा रहा है और विरोध करने पर आदिवासी भाई-बहनों पर अत्याचार किया जा रहा है.”