जुर्माना नहीं तो अनारकली से बलात्कार
कोलकाता | समाचार डेस्क: एक आदिवासी लड़की को प्यार करने की सजा 25 हजार रुपये जुर्माना न भर सकने के कारण पंचायत द्वारा 12 लोगों से बलात्कार करवाया गया. इस घटना को पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. आदिवासी लड़की के साथ पंचायत प्रमुख के आदेश पर बलात्कार करने वालों में उसके पिता के उम्र से लेकर भाई के उम्र के लड़के शामिल थे.
यह शर्मनाक घटना बीरभूम जिले के एक गांव की है. जहां पर एक आदिवासी लड़की का एक गैर आदिवासी लड़के से पिछले पॉच सालों से प्यार चल रहा था. घटना की सूचना पुलिस को मिलने के बाद पंचायत प्रमुख तथा सभी 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लड़की का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. पीड़ित लड़की राजारामपुर गांव की तथा उससे प्यार करने वाला गैर आदिवासी लड़का चौहाटा गांव से हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सोमवार को लड़का विवाह का प्रस्ताव लेकर लड़की के घर गया था. जिसे गांव वालों ने देख लिया तथा लड़का व लड़की दोनों को बांधकर पंचायत बुला ली. मंगलवार को पंचायत में गांव के प्रधान बलाई मांडी ने फैसला सुनाया कि लड़का तथा लड़की के परिवारों को 25-25 हजार रुपया जुर्माने के तौर पर देना पड़ेगा.
लड़के परिवार ने पंचायत को 25 हजार रुपये का जुर्माना एक सप्ताह के भीतर अदा करने की बात मान ली परन्तु लड़की के परिवार वाले ऐसा करने में आर्थिक रूप से असमर्थ थे. जिसके कारण गांव के प्रधान बलाई मांडी ने आदेश दिया कि जब ये जुर्माना नहीं भर सकती तो जाओं इसके साथ मजा करो. उसके बाद आदिवासी लड़की के साथ वहशियों ने दर्दनाक तरीके से बलात्कार किया था.
घटना के बाद बुधवार को पीड़िता के परिवार ने हिम्मत जुटाकर पुलिस को शिकायत दर्ज करायी है. जिसके बाद पुलिस ने 12 गिरफ्तारियां की. बताया जा रहा है कि गांव का प्रधान बलाई मांडी पीड़िता का दूर का रिश्तेदार है. यह घटना अपने आप में अलग तरह का है. ऐसा पहले कभी कहीं भी सुना नहीं गया था.
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने टिप्पणी की है कि दिसंबर 2013 में भारत ने दिल्ली के 23 वर्षीया लड़की के साथ गैंग रेप की बरसी मनाई है तथा पिछले दिनों दिल्ली में एक डेनिस महिला के साथ होटल लौटते वक्त बलात्कार किया गया था. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के राजारामपुर गांव में घटी घटना ने देश का नाम फिर से सामूहिक बलात्कार के लिये दुनिया भर में सुर्खियों में ला दिया है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक महिला ही हैं जिसने मॉ-माटी-मानुष के नारे के साथ विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. तब किये मालूम था कि मॉ-माटी-मानुष के काल में प्यार को एक अपराध की तरह देखा जायेगा. इतना ही नहीं इस प्यार करने की सजा बतौर 25 हजार रुपये का जुर्माना होगा. करेले में नीम चढ़ा यह है कि जुर्माना अदा न करने का कारण उसके बदले में सामूहिक बलात्कार करवाया जायेगा.
शायद सलीम की अनारकली को भी इतना पीड़ा नहीं हुआ होगा जब उसे दीवारों में मुगल बादशाह ने चुनवा दिया था.