कैंसर मरीजों के लिये खुशखबरी
बहुत जल्द ही रक्त एवं प्रोस्टेट कैंसर के मरीजो की दवा का मूल्य कई गुना घटने जा रहा है. जो दवा वर्तमान में एक लाख अड़सठ हजार रुपये प्रतिमाह की दर से विदेशी कंपनी भारत में बेचती है, उसे भारतीय कंपनी केवल आठ हजार रुपये प्रतिमाह में उपलब्ध करवाने जा रही है.
मुंबई की दवा कंपनी बीडीआर फार्मा ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में आवेदन दिया है. रक्त कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर की दवा डासाटिनिब पर विदेशी दवा कंपनी ब्रिस्टल मेयर सक्युब का एकाधिकार है. इस अमरीकी कंपनी के पास दुनिया भर में इस बीमारी की दवाइयों को लेकर लगभग एकाधिकार है.
गौरतलब है कि भारत में कैंसर के 28 लाख मरीज़ हैं. चिकित्सीय जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष 6000 रक्त कैंसर के नये मरीज सामने आ रहे हैं. यदि इन मरीजो को विदेशी कंपनी का डासाटिनिब दिया जाए तो उसका मूल्य होगा एक साल के लिये एक अरब अस्सी लाख रुपये. जबकि इसे भारतीय कंपनी 4 करोड़ 86 लाख रुपये मे देने जा रही है.
भारतीय पेटेंट कानून के अनुसार यदि किसी दवा का मूल्य अत्यधिक हो तथा आम जनता की पहुंच से बाहर हो तो कन्ट्रोलर जनरल आफ पेटेंट, अनिवार्य लाईसेंसिग की धारा के तहत किसी अन्य कंपनी या व्यक्ति को उस दवा को कम कीमत में उपलब्ध करवाने की अनुमति दे सकता है. पिछले ही साल एक कैंसर की दवा नैक्सेवार पर केन्द्र सरकार ने यह निर्णय लिया था.