प्रियंका आई-प्रियंका आई का शोर
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस के रणनीतिकारों के साथ बैठक की जिससे प्रियंका आई का शोर शुरु हो गया है. राहुल गांधी के घर में हुई इस बैठक में अहमद पटेल, जयराम रमेश, जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री , मोहन गोपाल, अजय माकन, बी. के. हरिप्रसाद, शकील अहमद शामिल थे.
सबसे हैरत करने वाली बात यह है कि बैठक में स्वयं राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे. दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में प्रियंका गांधी के इस गतिविधि से कई प्रकार के कयास लगाये जा रहें हैं.
एक तबके का मानना है कि चार विधानसभाओं में हार के बाद कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने के लिये प्रियंका गांधी सामने आने वाली है. जिसके अनुसार प्रियंका गांधी राहुल गांधी के समान कांग्रेस की उम्मीदवार बनाई जा सकती है.
वहीं दूसरे तबके का सोचना है कि प्रियंका गांधी रायबरेली तथा अमेठी से सोनियी गांधी और राहुल गांधी की जीत को आसान बनाये रखने के लिये कांग्रेस के महासचिवों के साथ रणनीति बनाने में व्यस्त है.
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव के समय रायबरेली तथा अमेठी की कमान स्वयं संभालती रही है. इस बार आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास द्वारा अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद से कांग्रेस खासकर अमेठी में कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता ने कांग्रेस के कान खड़े कर दिये हैं. इस कारण से ऐसे कयास लगाये जा रहें हैं कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के रणनीतिकार माने जाने वाले इन नेताओं से सलाह मशविरा करने के लिये बैठक में आई हुई थी.
बहरहाल कारण कुछ भी हो प्रियंका गांधी के राहुल गांधी के आवास में एक बैठक से ही पूरे देश में चर्चाओं का एजेंडा ही बदल गया है. ऐसा माना जाता है कि प्रियंका गांधी में भारत के लोग पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं. जिनकी छवि एक कुशल तथा कठोर प्रशासक की थी. इसी छवि का चार राज्यों में मात खाई कांग्रेस उपयोग करने से नहीं चूकेगी.
तीसरे तबके का मानना है कि 17 जनवरी को कांग्रेस के सम्मेलन में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाने वाला है. इसी सिलसिले में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के महासचिवों के साथ क्या रणनीति अपनाई जाये उस पर चर्चा की है.
इतना तो तय है कि प्रियंका गांधी की एक बैठक देश के राजनीतिक पटल पर को गर्म करने के लिये काफी है जिसका फायदा कांग्रेस को ही होने जा रहा है. कांग्रेस भी यह चाहती है कि उसके थके-मादे कार्यकर्ताओं में प्रियंका आई-प्रियंका आई से नई जान फूका जा सके अन्यथा इस बैठक को राहुल गांधी के घर में करने की क्या आवश्यकता थी ?