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पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण

भुवनेश्वर | एजेंसी: भारत ने अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाने वाले पृथ्वी-2 का सफलतापूर्व परीक्षण सोमवार को कर लिया है. पृथ्वी-2 परमाणु क्षमता सम्पन्न और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है.

इसका परीक्षण भारतीय वायु सेना के स्ट्रेटजिक फोर्सेज कमांड ने किया, जो आईएएफ के नियमित प्रशिक्षण अभ्यास का हिस्सा है.

इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के निदेशक एम.वी.के.वी. प्रसाद के अनुसार, “परीक्षण सफल रहा. यह नियमित अभ्यास का हिस्सा था. मिसाइल ने सभी मानकों को पूरा किया.”

पृथ्वी देश की स्वेदश निर्मित पहली बैलेस्टिक मिसाइल है. यह देश के इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत विकसित की जा रहीं पांच मिसाइलों में से एक है.

युद्ध क्षेत्र में 483 सेकेंड में 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने वाली यह मिसाइल अपने साथ 500 किलोग्राम वजनी मुखास्त्र वहन कर सकती है.

यह मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल्स को मात देने की क्षमता रखती है और इसमें कौशल क्षमताओं के साथ एक उन्नत जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है. यह कुछ मीटर की सटीकता के साथ अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है.

यह विश्वभर के इसी तरह की अन्य मिसाइलों की अपेक्षा ज्यादा विनाशकारी प्रभाव छोड़ती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी सटीकता को इसे विकसित करने के दौरान के उड़ान परीक्षणों में पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है.

इसके परीक्षण के पश्चात् भारत की सैन्य मारक क्षमता का विस्तार हुआ है.

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