कैदी दुष्कर्मी की हत्या, केंद्र ने रपट मांगी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नागालैंड के दीमापुर में दुष्कर्म के आरोपी कैदी कथित बंग्लादेशी की हत्या के बाद केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार ने रपट मांगी है. वहीं, नागालैंड सरकार ने जांच के आदेश दे दिये हैं. यह देश में पहली घटना है जब भीड़ ने जेल में घुशकर दुष्कर्म के आरोपी की पीट-पीटकर हत्या कर दी. आरोपी कैदी की हत्या जेल के सुरक्षाकर्मियों के सामने हुई फिर भी आरोपी कैदी को बचाया नहीं गया है. नागालैंड के वाणिज्यिक शहर दीमापुर स्थित केंद्रीय जेल में घुस आई भीड़ ने दुष्कर्म के एक आरोपी की गुरुवार को पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस मामले में केंद्र सरकार ने नागालैंड सरकार से विस्तृत रपट मांगी है. इस बीच राज्य सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में एक रपट मांगी गई है.
अधिकारी ने कहा कि दीमापुर सहित राज्य में हालात नियंत्रण में हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से इस मुद्दे पर रपट मांगी गई है.
दीमापुर में जन-जीवन सामान्य होने लगा है, हालांकि इलाके में अभी भी धारा 144 लागू है.
दीमापुर स्थित केंद्रीय जेल में गुरुवार को घुस आई भीड़ ने दुष्कर्म के एक आरोपी कैदी की पीट-पीट कर हत्या कर दी और उसका शव घंटाघर में लटका दिया था. इसके बाद इलाके में अशांति का माहौल व्याप्त हो गया.
बताया जाता है कि दुष्कर्म का आरोपी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी है. आरोप है कि उसने 23 फरवरी को एक नागा लड़की के साथ दुष्कर्म किया था.
राज्य सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “दीमापुर के अंदर और बाहरी हिस्सों में भी सुरक्षा बंदोबस्त और सख्त कर दिए गए हैं.”
उन्होंने बताया कि गुरुवार को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में घायल युवक की स्थानीय अस्पताल में मौत हो गई. इसके अलावा गोलीबारी में घायल तीन अन्य युवकों की हालत भी गंभीर बनी हुई है.
दीमापुर मुस्लिम परिषद ने कहा है कि माहौल शांति की ओर लौट रहा है तथा कहीं से किसी भी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं आई है.
परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ए. रहमान ने कहा, “हमने विभिन्न मोहल्लों में शांति समितियां बनाई हैं तथा घटना को सांप्रदायिक तनाव में तब्दील होने से रोकने की कोशिशें की जा रही हैं.”
इस बीच असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कैदी युवक की हत्या की निंदा की है तथा इसे ‘बर्बर, घृणित और गैर मानवीय’ करार दिया है.
गोगोई ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा, “युवक को जिस तरह भीड़ द्वारा पुलिस की हिरासत से खींचकर बाहर लाया गया और बर्बर तरीके से हत्या की गई, वह निंदनीय है.”