जन धन योजना 15दिन में लागू हुआ
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा करने के 15 दिनों में ही प्रधानमंत्री जन धन योजना लागू कर दी गई है. गौरतलब है कि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की घोषणा की थी. इसे मोदी सरकार की प्रशासनिक क्षमता के रूप में देखा जा रहा है. राजनीतिक हल्कों में इसे मोदी का यूपीए के मनरेगा जैसी जन कल्याणकारी योजना का जवाब माना जा रहा है.
गुरुवार को प्रधानमंत्री जन धन योजना लांच करने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस तरह से यह योजना लांच हुई है, उससे बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा, “एक दिन में डेढ़ करोड़ बीमा योजना, एक दिन में डेढ़ करोड़ खाते. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा. यह बैंकिंग और बीमा इतिहास का एक विशाल कीर्तिमान है.” मोदी ने कहा कि यह नीदरलैंड की कुल जनसंख्या के आसपास है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साथ खाते खोलने के लिए 77 हजार से अधिक शिविर लगाए गए थे.
मोदी ने कहा, “15 अगस्त को हमने योजना की घोषणा की थी. इसे 15 दिनों में ही लागू कर दिया गया. एक ही दिन में 1.5 करोड़ लोग जोड़े गए.”
योजना का मकसद देश के अनुमानित 7.5 करोड़ परिवारों में से प्रत्येक को एक बैंक खाता और एक बीमा देना है.
लांचिंग समारोह में वित्तीय समावेशीकरण पर एक फिल्म दिखाई गई. एक लोगो और मिशन दस्तावेज जारी हुआ. साधारण मोबाइल फोन के लिए एक मोबाइल बैंकिंग सुविधा जारी की गई.
शुरुआती सफलता से प्रभावित होकर समारोह में मौजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जनधन योजना की समय सारणी को और चुस्त किया.
पहले चरण के तहत 14 अगस्त 2015 तक 7.5 करोड़ खाता धारकों को जोड़ा जाना था. अब इसकी समय सारणी जेटली ने 26 जनवरी 2015 कर दी.
दूसरे चरण में प्रत्येक खाताधारकों को 5,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा दी जानी है. इसकी शुरुआत अब 26 जनवरी 2015 से होगी.
मोदी ने कहा, “योजना का मकसद गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है. आज की सफलता से ऐसा नहीं लगता है कि यह बंद होगा.” प्रधानमंत्री मोदी की योजना देश में वित्तीय सारक्षरता को बढ़ाना है. इसके माध्यम से केन्द्र आने वाले समय में सीधे वित्तीय सहायता प्रदान कर सकेगा.
ज्ञात रहे कि इस योजना की कार्यान्वयन नीति यह है कि वर्तमान बैंकिंग ढांचे का उपयोग किया जाये और सभी परिवारों को कवर करने के लिए उसका विस्तार भी किया जाए. ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में अब तक कवर न हुए परिवारों के बैंक खाते खोलने के लिए मौजूदा बैंकिंग नेटवर्क को भलीभांति तैयार किया जाएगा.