राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित
नई दिल्ली। संवाददाताः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया.
राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देते हुए कहा कि “ आप सभी देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. देश के लोगों की सेवा करने का यह अवसर बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि “देश में छह दशकों के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि “18वीं लोकसभा कई मायनों में एतिहासिक है. इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी गवाह बनेगी.’’
राष्ट्रपति ने कहा कि “आगामी सत्रों में सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक फैसलों के साथ बजट में कई एतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है. 10 वर्षों में भारत 11वें स्थान से उठकर विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. ग्रोथ की निरंतरता हमारी गारंटी है.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि “दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महामारी और संघर्षों के बावजूद भारत इस विकास दर को हासिल करने में सक्षम रहा है. यह पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय हित में किए गए सुधारों और निर्णयों के कारण संभव हुआ है. आज भारत वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान देता है. मेरी सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि “मेरी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3.20 लाख करोड़ रुपए प्रदान किए हैं. मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को ट्रांसफर की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी में भी रिकार्ड बढ़ोत्तरी की है. आज का भारत अपनी मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है. इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत कर रही है.
सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तभों- विनिर्माण, सेवा और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. पीएलआई योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े हैं. पारंपरिक सेक्टर के साथ सनराइज सेक्टर्स को मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है. रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए मेरी सरकार ने पिछले दस वर्षों में बजट आवंटन में चार गुना से अधिक की वृद्धि की है. सरकार एक्ट ईस्ट नीति के तहत इस क्षेत्र को रणनीतिक प्रवेशद्वार बनाने के लिए काम कर रही है. मेरी सरकार पूर्वोत्तर में शांति लाने के लिए लगातार काम कर रही है. पिछले 10 वर्षों में कई पुराने मुद्दों का समाधान किया गया है. कई समझौते किए गए हैं और तेजी से प्रगति के बाद अशांत क्षेत्रों में AFSPA को चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि “विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है, जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे. इसलिए मेरी सरकार में उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. भारत सरकार इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रही है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं ने वंचित न रहे. सरकारी योजनाओं की वजह से पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं. मेरी सरकार दिव्यांग भाई-बहनों के लिए किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने अभिभाषण के दौरान कहा कि “सशक्त भारत के लिए हमारी सेनाओं में आधुनिकता आवश्यक है. युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ बनें. यह सुनिश्चित करने के लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए. इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने पिछले दस वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.”