राष्ट्र

शी के स्वागत में चमकीलो गुजरात

अहमदाबाद | एजेंसी: भारत यात्रा पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बुधवार को यहां भव्य स्वागत हुआ. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजबानी में कोई कसर नहीं छोड़ी और चीनी राष्ट्रपति को दुल्हन की तरह सजाए गए साबरमती रीवर फ्रंट पर गुजराती संस्कृति से लेकर व्यंजन तक का स्वाद चखाया. चीन के राष्ट्रपति बुधवार दोपहर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद पहुंचे. यहां सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया.

जैसे ही शी और उनकी पत्नी पेंग लियुआन होटल हयात पहुंचे वैसे ही मोदी ने मेजबान की भूमिका निभानी शुरू कर दी.

होटल में चीनी राष्ट्रपति का स्वागत करने के बाद मोदी उन्हें वडनगर और उनके बुद्ध से जुड़ाव से संबंधित तस्वीरों की दीर्घा दिखाने ले गए.

सातवीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेन सांग ने 15 साल तक अपने भारत प्रवास के दौरान वडनगर का दौरा किया था.

मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के लिए एक कुशल गाइड की भूमिका निभाई. उन्होंने यहां के ऐतिहासिक साबरमती आश्रम का दौरा करने के समय मार्गदर्शन किया. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में महात्मा गांधी की गतिविधियों का यही आश्रम केंद्र हुआ करता था.

शी के पहुंचने से 10 मिनट पहले आश्रम पहुंचे मोदी आगंतुक के आने से पहले तक बच्चों के साथ बातचीत करते रहे.

मोदी और गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने शी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और उन्हें खादी के धागे से सम्मानित किया.

प्रधानमंत्री इसके बाद शी के साथ आश्रम तक लाल गलीचे पर चलते हुए पहुंचे. इस दौरान दुभाषिए की मदद से दोनों में कुछ-कुछ बातचीत होती रही.

शी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नंगे पांव बैठकर चरखा भी चलाया.

आश्रम के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि चीन के राष्ट्रपति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और ऐतिहासिक दांडी मार्च की श्वेत श्याम तस्वीरें देखी.

गांधी का प्रसिद्ध जनांदोलन दांडी मार्च साबरमती आश्रम से 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ था. महत्मा गांधी और उनके 78 सहयोगियों ने ब्रिटिश हुकूमत के नमक कानून के खिलाफ अप्रत्याशित और अनोखा मार्च किया था.

सूत्रों ने बताया कि शी ने हृदय कुंज में चरखा के समीप बैठने के लिए अपने जूते उतार दिए. इसी हृदय कुंज में महात्मा गांधी रहते थे. मोदी भी शी के साथ बैठे.

चीन के राष्ट्रपति ने आगंतुक पुस्तिका में अपनी टिप्पणी लिखी. इसके बाद मोदी और शी विभिन्न कमरों में घूमते रहे और इस दौरान पृष्ठभूमि में बच्चे द्वारा महात्मा गांधी का प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ गाया जाता रहा.

इस आश्रम को 17 जून 1917 को साबरमती नदी के किनारे स्थापित किया गया था.

प्रधानमंत्री ने शी को आश्रम द्वारा प्रकाशित ‘अमदाबाद में गांधी’ पुस्तक, महात्मा गांधी के चरखे की प्रतिकृति और गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च की ऐतिहासिक तस्वीर भेंट में दी.

मोदी और शी हृदय कुंज में एक साथ बैठे.

मोदी और चीनी राष्ट्रपति की मौजूदगी में अहमदाबाद में बुधवार को तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए.

इन तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने के बाद अब चीन की औद्योगिक, स्वास्थ्य और शैक्षणिक अधोसंरचना अब गुजरात में भी तैयार होगी.

राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि चाइना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन राज्य में मिल कर औद्योगिक पार्क का निर्माण करेंगे.

अहमदाबाद नगर निगम और चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य, शहरी साफ-सफाई और शैक्षणिक संरचना उपलब्ध कराने के लिए समझौता किया.

तीसरा समझौता चीन के ग्वांगदोंग प्रांत और गुजरात की सरकारों के बीच हुआ है.

दोनों देशों के कई व्यावसायी भी मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मौजूद थे.

देर शाम दोनों नेता दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

मोदी और शी गुरुवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में वार्ता करेंगे, इसके बाद दोनों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिसमें आधारभूत संरचना और रेलवे शामिल होंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!