वर्षा डोंगरे के पक्ष में आये प्रशांत भूषण
नई दिल्ली | संवाददाता:वर्षा डोंगरे के निलंबन के ख़िलाफ़ सुप्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण सामने आ गये हैं. रायपुर की डिप्टी जेलर के पद से निलंबित वर्षा डोंगरे के पक्ष में उन्होंने फिर से एक ट्वीट करते हुये रमन सिंह सरकार की आलोचना की है. प्रशांत भूषण के अलावा कई फिल्म निर्माताओं, पत्रकारों और भाजपा नेताओं ने भी वर्षा के पक्ष में ट्वीट किया है.
पनामा पेपर्स और अगस्ता हेलिकॉप्टर खरीदी घोटाला में कथित रुप से शामिल होने के मामले में प्रशांत भूषण पहले ही रमन सिंह के खिलाफ सामने आते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस आशय के मुकदमे भी दायर किये गये हैं, जिनमें प्रशांत भूषण ही वकील हैं. इसके अलावा पीएससी में सरकार के खिलाफ आये फैसले को चुनौती देते हुये वर्षा डोंगरे और अन्य परीक्षार्थियों की याचिका भी प्रशांत भूषण ने ही सुप्रीम कोर्ट में दायर की है.
मंगलवार को अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा है कि हाईकोर्ट ने रमन सिंह सरकार को सिविल सेवा परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया था और वर्षा डोंगरे की बहादुर लड़ाई की सराहना की थी. अब उसे निलंबित कर दिया गया है.
HC held Raman Singh govt guilty of large scale corruption in civil service exam&lauded Varsha Dongre for Valiant fight. Now she's suspended pic.twitter.com/FiVus9guEy
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 9, 2017
प्रशांत भूषण इससे पहले भी वर्षा डोंगरे के पक्ष में ट्वीट कर चुके हैं. मंगलवार के ताज़ा ट्वीट से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मामले में भी वर्षा डोंगरे सुप्रीम कोर्ट जा सकती हैं और ऐसा होने पर प्रशांत भूषण ही उनके पक्ष में खड़े होंगे. हालांकि प्रशांत भूषण या वर्षा डोंगरे की प्रतिक्रिया इस संबंध में नहीं मिल पाई है. लेकिन पीएससी का मुकदमा प्रशांत भूषण ही लड़ रहे हैं और उन्होंने पक्षकारों से किसी भी तरह का शुल्क लेने से मना कर दिया है.
गौरतलब है कि वर्षा डोंगरे ने बस्तर में सुरक्षाबल के जवानों द्वारा आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाली यौन व अन्य प्रताड़नाओं को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी. हालांकि वर्षा डोंगरे का कहना था कि उन्होंने सारी टिप्पणी अदालत और दूसरी सरकारी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के हवाले से ही की है. लेकिन इन टिप्पणियों से नाराज छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया.
उनके निलंबन के लिये सरकार ने बिना पूछे अवकाश पर जाने और इन टिप्पणियों को आधार बनाया है. हालांकि वर्षा डोंगरे का कहना है कि उन्होंने अस्वस्थता की वजह से चार दिनों का अवकाश लिया था और इसके लिये उन्होंने जेल प्रशासन को मेल से सूचना भी दी थी.