छत्तीसगढ़

चुनाव ने बढ़ाए आलू के दाम

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में आलू के दाम बढ़ने का प्रमुख कारण विधानसभा चुनाव को माना जा रहा है. प्रशासनिक अमला निर्वाचन कार्यो के लिए वाहनों का जबरन अधिग्रहण कर रहे हैं. इस कारण अन्य राज्यों के ट्रांसपोर्टर अपने मालवाहक वाहनों को छत्तीसगढ़ की तरफ नहीं भेज रहे हैं.

राज्य में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद व कानपुर से आलू की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है. कम आवक के कारण आलू और महंगा होता जा रहा है.

सूबे में लगातार खराब मौसम और बारिश के कारण स्थानीय बाड़ियों में लगी सब्जियों की फसलें भी खराब हो गई हैं. इस कारण छत्तीसगढ़ का सब्जी बाजार अन्य प्रदेशों पर निर्भर हो गया है. बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में आलू की सप्लाई उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, कानपुर, आगरा और पश्चिम बंगाल से होती है और इसके परिवहन का मुख्य साधन ट्रक है.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में वाहनों का अधिग्रहण जोरों पर है. निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी ट्रक, बस सहित अन्य वाहनों को जबरन कब्जे में ले रहे हैं. अन्य प्रदेशों से आ रहे वाहनों का भी अधिग्रहण किया जा रहा है. इसलिए ट्रांसपोर्टर यहां अपना वाहन नहीं भेज रहे हैं. इसी कारण इस समय आलू की आवक लगभग बंद सी हो गई है. बाजार के जानकार बताते हैं कि चुनाव तक यही स्थिति बनी रहेगी.

जानकारी के अनुसार, रायपुर की पुलिस लाइन में 38 बसें, 30 सूमो व तवेरा बुलेरो तथा 34 ट्रक व मिनी ट्रक अभी भी खड़े हैं, लेकिन इनके चालक लापता हैं.

रायपुर के आरटीओ हेमकृष्ण राठौर ने आदेश जारी कर इन वाहनों के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी गाड़ियां ले जाएं. इन चालकों के खिलाफ मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इन वाहनों को भी परिवहन विभाग ने चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहीत किया था, मगर घर से दूर कहीं जंगलों में न दीपावली मनाना पड़े, इस आशंका के चलते चालक गाड़ी छोड़कर भाग गए हैं. इसी तरह अन्य जिलों में भी वाहनों का अधिग्रहण किया गया है.

रायपुर में आलू-प्याज का थोक कारोबार करने वाले महेश गोयल का कहना है कि पहले रोजाना आठ से 10 ट्रक आलू राजधानी में पहुंचता था जो वर्तमान में लगभग बंद है. धर-पकड़ की दहशत के चलते कोई भी ट्रांसपोर्टर यहां आलू लाने के लिए तैयार नहीं है.

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