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छत्तीसगढ़ : कहीं स्कूल भवन नहीं तो कहीं एक भी शिक्षक नहीं

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा और भवनों की हालत ख़राब है. कहीं स्कूल भवन ही नहीं है तो कहीं शिक्षक नहीं हैं. देश भर में शिक्षा के मामले में लगातार पिछड़ते जा रहे छत्तीसगढ़ में किसी तरह अगली कक्षाओं में बिना पढ़ाये, बढ़ाये जा रहे हैं.

आठवीं के बच्चे, पांचवीं के सवाल हल करने की स्थिति में नहीं हैं.

राज्य के सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं या केवल एक शिक्षक हैं. कहीं बच्चे एक दूसरे को पढ़ा रहे हैं तो कहीं गांव के लोग.

शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 979 स्कूल भवन विहीन हैं. यानी इनमें से अधिकांश स्कूल किसी झोपड़ी में, किसी बरामदे में या किसी पेड़ के नीचे लगते हैं.

हालत ये है कि राज्य के 18,147 स्कूलों में बाउंड्री वॉल ही नहीं है.

इन सबके बाद भी 2020-21 में एक भी स्कूल भवन के निर्माण या बाउंड्रीवाल के बजट का प्रावधान नहीं किया गया है.

बस्तर की हालत ख़राब

आदिवासी इलाकों में स्कूली शिक्षा की हालत और भी ख़राब है.

इसे बस्तर के एक उदाहरण से समझा जा सकता है.

पूरे बस्तर में 98 प्राथमिक शालाओं में एक भी शिक्षक नहीं है. इसी तरह 19 पूर्व माध्यमिक शाला, 17 हाईस्कूल और 10 आश्रम शाला में एक भी शिक्षक नहीं है.

बस्तर में 1466 प्राथमिक शाला, 192 पूर्व माध्यमिक शाला, 49 आश्रम शाला और 24 हाईस्कूल में 1-1 शिक्षक हैं. हालत ये हैं कि कोंडागांव के हायर सेकेंडरी स्कूल में केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं.

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