छत्तीसगढ़

गरीब छत्तीसगढ़ के अमीर अफसर

रायपुर | अन्वेषा गुप्ता: देश के सबसे गरीब राज्य छत्तीसगढ़ के अफसर करोड़ों के आसामी हैं. उनके यहां घर से लाख-लाख की रुपये की नगदी तथा किसी-किसी के यहां से आधा किलो सोना मिलना अब आम खबर बनता जा रहा है. दूसरे तरफ राज्य के 42 लाख गरीब परिवारों को सरकार की ओर से पेट भरने के लिये एक रुपये में चावल देना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य है. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे की आबादी का आंकड़ा 39.93 फीसदी है (साल 2011-12). छत्तीसगढ़ के गांवों में यह 44.61 फीसदी तथा शहरों में 24.75 फीसदी है.

शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरों ने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विभागों के सात अफसरों के यहां छापे मारें जिसमें अब तक 13 करोड़ 91 लाख रुपये की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है. एंटी करप्शन ब्यूरों के अधिकरियों ने बताया की अभी अफसरों के बैंक खातों, शेयर्स और अन्य निवेशों की जांच की जा रही है. इनके खिलाफ लम्बे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं.

किस अधिकारी के पास मिली कितनी संपत्ति

1. एसएन श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता- बिलासपुर के रामाग्रीन में 60 लाख का मकान, रायपुर में डेढ़ करोड़ का मकान, जबलपुर में मकान-20 एकड़ जमीन, छतरपुर में जमीन, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चार बैंकों में लॉकर, 1 लाख 50 हजार नकद.
कुल 2 करोड़ 72 लाख की संपत्ति.

2.रमेश शर्मा, सहायक अभियंता, रायपुर- दुर्ग में करोड़ों के 4 प्लाट, 2 फ्लैट-महाराष्ट्र के भंडारा जिले में जमीन के कागजात, रायपुर में 2 मकान, आधा किलो सोना, 3 चार पहिया गाडि़यां, 16 बैंक खाते, जीवन बीमा की 14 पॉलिसियां.
कुल 2 करोड़ 50 लाख की संपत्ति.

3. ज्ञानेश्वर प्रसाद दुबे, एसडीओ (वन विभाग) बलरामपुर- अम्बिकापुर में 3 मकान, रामानुजगंज के धमनी गांव में 3 एकड़ जमीन, काकना में वॉटर प्लांट, कार, दो स्कूटी, 4 लाख रुपए के सोने के गहने, 2 लाख 26 हजार रुपए नकद.

4. केके बंजारे, उप संचालक (खनिज विभाग) बिलासपुर- आरंग के भोथली गांव में 20 एकड़ जमीन, मकान, अकलतरा में जमीन, रायपुर के धरमपुरा में मकान, जीवन बीमा की 7 पॉलिसियां, स्टेट बैंक खाते में 14 लाख से ज्यादा मिले.

5. एआर नायडू, रेंजर (वन विभाग) मानपुर-मोहला- भिलाई में 1 करोड़ 20 लाख कीमत का निर्माणाधीन मकान, विशाखापट्टनम में निवेश की जानकारी, 1 लाख 10 हजार 600 रुपए नकद, 4 बैंक खाते, 12 लाख कीमत की एक कार.
कुल संपत्ति 1 करोड़ 50 लाख रुपए.

6. सुरेशचंद्र माहेश्वरी, अधीक्षण अभियंता (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) बिलासपुर- करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए की 25 संपत्तियों की जानकारी, शेयर और 6 जीवन बीमा पॉलिसी, 3 बैंक लॉकर, पत्नी के नाम एक फर्म, खाते में 57 लाख रुपए जमा, 40 लाख रुपए के सोने के गहने, 10 किलो चांदी, तीन बैंक खाते, 30 लाख कीमत की दो कारें.
कुल 2 करोड़ 57 लाख रुपए की संपत्ति.

7. रामरतन पांडे, जिला प्रबंधक (मार्कफेड) जांजगीर- 5 मकान, जमीन, 1 होस्टल, एक बैंक लॉकर, 1 लाख रुपए नकदी घर से तथा 1 लाख 27 हजार रुपए नकद कार्यालय से मिले.
अब तक 2 करोड़ 82 लाख की संपत्ति.

पहले भी मिली करोड़ों की संपत्ति

– मई 2016 में बारनवापारा अभ्यारण के डिवीजनल मैनेजर एनके अग्रवाल के यहां एंटी करप्शन ब्यूरों को घर से 9 लाख कैश, अभनपुर में 8 एकड़ जमीन, रायपुर शहर में 4 जगहों पर जमीन, गायत्री नगर में करोड़ो का मकान जहां वे रहते हैं.

– अप्रैल 2016 में एंटी करप्शन ब्यूरों ने जल संसाधन, खाद्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, मार्केटिंग सोसायटी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 9 अधिकारियों के यहां छापा मारा था.

– अप्रैल 2016 में ही एंटी करप्शन ब्यूरों ने राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, उद्योग नगरी कोरबा तथा रायगढ़ में छापे मारे थे जिससे बचने के लिये बिलासपुर के एक अधिकारी ने तकिये में 35 लाख रुपये भर के घर के बाहर फेंक दिये थे.

– जनवरी 2016 में वन विभाग के चर्चित अफसर एसडी बड़गैया के यहां छापे में करोड़ों की संपत्ति मिली थी. एंटी करप्शन ब्यूरों के सूत्रों के अनुसार बलौदाबाजार के डीएफओ एसडी बड़गैया का पैसा बॉलीवुड में लगा हुआ है. उनका लड़का फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के साथ काम करता है. उसी दिन एंटी करप्शन ब्यूरों तथा इकोनामिक आफेंस विंग ने छत्तीसगढ़ के 6 शहरों के 18 ठिकानों पर दबिश दी तथा 9 अफसरों से करीब 50 करोड़ रुपयों की संपत्ति जब्त की थी.

– जुलाई 2015 में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के एमडी दिलीप कुमार दीवान के पास 379 गुणा संपत्ति पाई गई.

– जून 2015 में एंटी करप्शन ब्यूरों ने सिंचाई विभाग के एक्सक्यूटिव इंजिनियर खारंग जलाशय संभाग के आलोक अग्रवाल के खिलाफ अभियोग पत्र दायर किया था. जिसके अनुसार आलोक अग्रवाल तथा उसके परिवार वालों के पास 31.40 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति थी.

– अक्दूबर 2014 में छत्तीसगढ़ के कवर्घा के लोहारा में सिंचाई विभाग में एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता 8 करोड़ रुपयों का आसामी निकला.

– सितंबर 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरों के छापे में विद्युत विभाग का असिस्टेंट इंजीनियर सात करोड़ का आसामी निकला.

– फरवरी 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरों को मरवाही डीएफओ राजेश चंदेले के घर छापे में 3 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति मिली.

छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट्राचारी भाग्यशाली !
छत्तीसगढ़ विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार पिछले पांच सालों में एंटी करप्शन ब्यूरों के छापे में औसतन छत्तीसगढ़ के अधिकारी/कर्मचारी के पास से 3 करोड़ 62 लाख की चल-अचल संपत्ति मिली है. एंटी करप्शन ब्यूरों ने पिछले पांच सालों में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के यहां मारें कुल 64 छापे में 2 अरब 32 करोड़ 8 लाख 50 हजार 187 रुपयों के चल तथा अचल संपदा का खुलासा हुआ.

नतीजा क्या निकला ?
विधानसभा में ही दी गई जानकारी के अनुसार इन 64 प्रकरणों में से केवल 2 के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया जा सका है. 6 प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति मिलने के बाद चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है. इनमें से 4 प्रकरणों में शासन/संबंधित विभाग से अभियोजन स्वीकृति के लिये लंबित हैं. वहीं 49 प्रकरणों में विवेचना जारी है. इन 64 प्रकरणों में से 3 में अपराध नहीं पाये जाने के बाद उनका खात्मा कर दिया गया है.

विपक्ष छापों से संतुष्ट नहीं है
उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी 2016 को रायपुर में एक पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरों सिर्फ छापे की कार्यवाही कर खाना पूर्ति मात्र करती है. वह दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने की दिशा में उदासीन है. नान घोटाले पर भूपेश बघेल ने सवाल खड़ा किया दोषी आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला, अनिल टूटेजा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली. 90 दिन में स्वीकृति नहीं मिलने पर एसीबी बिना स्वीकृति के चालन प्रस्तुत कर सकती थी पर ऐसा नहीं किया गया. 17 अगस्त को एसीबी ने अभियोजन की अनुमति मांगी थी. यह समय 90 दिन से ज्यादा 150 दिन हो चुके है.

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