माओवादी साये में मतदान शुरु
जगदलपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी हिंसा के बीच मतदान की प्रक्रिया शुरु हो गई है.लेकिन यह तय है कि इस बार मतदान का प्रतिशत हाल ही में संपन्न हुये विधानसभा चुनाव की तरह नहीं होगा.
बस्तर लोकसभा के चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा ने वर्तमान सांसद दिनेश कश्यप पर को सामने रखा है तो कांग्रेस ने झीरमघाटी नक्सली हमले में मारे गये महेंद्र कर्मा के बेटे दीपक कर्मा को मैदान में उतारा है. आम आदमी पार्टी ने नक्सलियों की सहयोगी होने के आरोप में जेल में बंद में रही सोनी सोरी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बस्तर में 13 लाख मतदाताओं के लिये लगभग 1800 मतदान केंद्र बनाये गये हैं, जिनमें 1400 मतदान केंद्र माओवादियों के कारण संवेदनशील केंद्र के रुप में चिन्हित किये गये हैं. जगदलपुर को छोड़ कर सभी इलाकों में मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 3 बजे तक रखा गया है.
तीन दिन पहले से ही अधिकांश मतदान दलों को वोटिंग वाले इलाकों के थाने और कैंपों में भेजना शुरु किया गया था, जिसका सिलसिला कल तक ज़ारी था. लेकिन इस चुनाव पर माओवादी हिंसा की छाया साफ नज़र आ रही है.
विधानसभा चुनाव के समय पूरे बस्तर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल के जवान थे लेकिन इस बार जवानों की तुलना में माओवादियों के पर्चे, पोस्टर और बैनर कहीं अधिक हैं. ज़ाहिर तौर पर माओवादियों की सक्रियता भी. चुनाव की घोषणा के साथ ही इस बार माओवादियों ने एक के बाद एक लगातार अपनी हिंसक कार्रवाईयां जारी रखी हैं. जंगल के इलाकों में हर दिन माओवादियों की ग्रामीणों के साथ चुनाव बहिष्कार को लेकर होने वाली बैठकों की खबरें राजधानी रायपुर तक पहुंचती रही हैं. बारुदी सुरंग विस्फोट और मुठभेड़ के अलावा सुरक्षाबल के कैंपों और थानों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं.
बुधवार को भी अलग-अलग घटनाओं में सुरक्षाबल के 7 जवान गंभीर रुप से घायल हुये हैं और सीआरपीएफ के 3 जवान माओवादियों से मुकाबला करते हुये मारे गये हैं. इसके अलावा सुकमा ज़िले के किस्टाराम में आंध्र प्रदेश के ग्रहाउंड दस्ते के साथ माओवादियों के साथ हुई मठभेड़ में एक माओवादी के मारे जाने और दो की गिरफ्तारी का दावा किया गया है. हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों का दावा है कि बस्तर में सब कुछ ठीक-ठाक है लेकिन एक के बाद एक माओवादी हिंसा की घटनाओं के बीच बस्तर एक प्रश्नवाचक चिन्ह की तरह है खड़ा है, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है.