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बढ़ती जा रही है दंतेवाड़ा मोतियाबिंद संक्रमितों की संख्या

दंतेवाड़ा | संवाददाताःबस्तर के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.अब दंतेवाड़ा में तीन और ऐसे मरीज़ों का पता चला है, जिनकी आंखों की रोशनी मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद चली गई है या ख़राब हो गई है.

अभी तक राज्य सरकार इस मोतियाबिंद कांड में 11 लोगों के ऑपरेशन और उनमें संक्रमण की बात कहती रही है. लेकिन नये मरीज़ों के साथ इनकी संख्या बढ़ कर 14 हो गई है. इन 14 लोगों को रायपुर के अस्पताल में भर्ती किया गया. इसके बाद 2 और नये मरीजों को रायपुर भेजा गया. इस तरह अब तक 16 पीड़ित मिल चुके हैं.

दंतेवाड़ा के उदेला गांव में 6 लोगों का ऑपरेशन किया गया था. इनमें से दो मरीजों वेल्ली और सोनी को पहले ही रायपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था.

सीएमएचओ अजय रामटेके ने स्वीकार किया है कि इस गांव के कुम्मे, मुंडो, बदरु और लखमा की भी जांच की गई. इनमें से दो की आंखों में संक्रमण मिला है. इसके अलावा एक और मरीज की आंखों में परेशानी दिखी है.

इस बीच राज्य सरकार ने चिकित्सक डॉ गीता नेताम, स्टाफ नर्स ममता वेदे और नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो के निलंबन की घोषणा की है. इसके अलावा जूनियर साइंटिस्ट अभिषेक मंडल और माइक्रोबायोलॉजिस्ट उमाकांत तिवारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

आरंभिक तौर पर माना जा रहा है कि जहां ऑपरेशन किया गया, उस जगह को बेहतर तरीके से संक्रमण मुक्त नहीं किया गया था. यही कारण है कि मरीजों में तेज़ी से संक्रमण फैला.

हालांकि मोतियाबिंद के ऑपरेशन को स्टेट नोडल एजेंसी की स्वीकृति के बाद ही किया जाता है. ऐसे में स्टेट नोडल एजेंसी ने किसी आधार पर अपनी स्वीकृति दी, यह सवालों के घेरे में है.

पहले ही दिन फ़ैलता गया संक्रमण

दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 18 से 22 अक्टूबर के बीच मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद से मरीज़ों ने आंखों में परेशानी की शिकायत की.

ज़िले के कलेक्टर का दावा है कि इसके बाद अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले सभी मरीज़ों की जांच-पड़ताल की गई. आरंभिक तौर पर 11 मरीजों में संक्रमण मिला.

इन मरीजों की शिकायत थी कि उनकी आंखों में खुजली और दर्द है. इसके अलावा उन्हें दिखना भी बंद हो गया है.

मरीजों की हालत बिगड़ने पर उनमें से 14 को अब तक रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां इनका इलाज किया जा रहा है.

एक चिकित्सक ने बताया कि इन मरीजों में दो की स्थिति ज्यादा खराब है. इनकी आंखों में इंफेक्शन ज्यादा बढ़ गया था, इनकी आंखों में पेन ऑप्थलमाइटिस यानी आंख के गोले गलकर बाहर आने का खतरा बढ़ गया है.

फिलहाल सभी मरीजों को अंबेडकर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में अलग वार्ड में रखा गया है.

इनमें से एक मरीज की स्थिति ज्यादा खराब होने पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है.

रायपुर में इलाज करने वाली डॉक्टर अमृता वर्मा का कहना है कि दंतेवाड़ा से आए सभी मरीजों स्थिति पहले से ठीक है. सभी की आंखों में काफी इंफेक्शन था. लेकिन अब स्थिति ठीक है.

उन्होंने कहा कि सभी की आई बाल नार्मल है. लेकिन पट्टी खुलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

सर्जन समेत तीन निलंबित

राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद सर्जरी करने वाली नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो और ऑपरेशन थियेटर प्रभारी स्टाफ नेत्र ममता वेदे को भी निलंबित कर दिया है.

इस घटना के बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच कराई है.

रविवार को डॉक्टरों की एक जांच के लिए दंतेवाड़ा पहुंची थी. टीम ने ऑपरेशन थिएटर की जांच की.

जांच टीम ने रविवार को ही प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी उसके बाद सरकार ने निलंबन आदेश जारी किया.

जांच में पाया गया कि ऑपरेशन के दौरान निर्धारित प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया है.

वार-पलटवार का दौर शुरू

राजधानी रायपुर में कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने भर्ती मरीजों से मुलाकात कर उनकी स्थिति का जायजा लिया.

इस लापरवाही को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह अंखफोड़वा कांड 2 है. कांग्रेस पार्टी ने इस कांड की जांच के लिए एक टीम का भी गठन किया है.

कांग्रेस नेताओं के आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार को जैसे ही इस घटना की जानकारी हुई मरीजों को तुरंत रायपुर शिफ्ट किया गया है. यहां पीड़ितों को बेहतरीन इलाज दे रहे हैं. मैं खुद अस्पताल पहुंच मरीजों से मिला हूं.

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