धान की रबी फसल को लेकर सियासत तेज
रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ में धान की रबी फसल को लेकर राजनीति गरमा गई है. प्रदेश के तीन जिलों के कलेक्टरों ने रबी सीजन में धान बुवाई नहीं करने का आदेश जारी किया है. इस फरमान को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार अब खेती को प्रभावित कर रही है. यहां के किसान गांजा या अफीम की खेती नहीं कर रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को धान की खेती करने से न रोके.
प्रदेश के राजनांदगांव, रायपुर और धमतरी के कलेक्टरों द्वारा पर्यावरण का हवाला देते हुए रबी सीजन में धान बुवाई नहीं करने का आदेश जारी किया है.
तीनों कलेक्टरों के कथित आदेश इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इसी आदेश को लेकर धनेन्द्र साहू ने कहा है कि कलेक्टर गांवों में कोटवारों से मुनादी करा रहे हैं कि किसान धान की फसल न लें. यदि धान की फसल लेंगे तो बिजली काट दी जाएगी. इस तरह फरमान जारी कर धान की फसल को हतोत्साहित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि धान बोने पर किसानों पर कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने मौखिक आदेश जारी कर किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है. इसी तरह रमन सरकार के वक़्त भी आदेश जारी किया था. जिसे बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इस किसान विरोधी आदेश को निरस्त करना चाहिए. नहीं तो कांग्रेस इस आदेश का विरोध करेगी.
दरअसल सरकार रबी फसल को लेकर पहले भी ऐसा करती रही है. सरकार का तर्क है कि धान की खेती के लिए काफी पानी की जरूरत होती है और गर्मी के दिनों में जल स्तर काफी नीचे चला जात है. बोर भी सूख जाते हैं.
लेकिन रबी में धान की फसल में कीड़े कम लगते हैं और उत्पादन भी ठीक हो जाता है. इसलिए किसान इसे लगाने का लोभ नहीं छोड़ पाते.