राष्ट्र

लोकतंत्र पर स्याही पोतने वाले गिरफ्तार

मुंबई | समाचार डेस्क: सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फेंकने वाले छः शिवसैनिको को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के चंद घंटो में ही यह गिरफ्तारी कर ली. डीसीपी अशोक दुधे ने कहा, “पुलिस ने छह अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया और मामले की जांच जारी है.” उल्लेखनीय है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक व पूर्व पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चहरे पर स्याही पोत दी थी. उसके बाद भी फिर भी कड़ी सुरक्षा बीच तय कार्यक्रम होकर रहा. इस घटना की चहुंओर निंदा हुई. देश के अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस घटना की तीखी निंदा की. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी अपनी सहयोगी शिवसेना की निंदा करने में पीछे नहीं रही. राज्य में भाजपा व शिवसेना की गठबंधन सरकार है.

शिवसेना की चुनौती को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वस्त किया कि सुरक्षा के बीच कार्यक्रम का आयोजन होगा और कसूरी को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

राज्य सरकार ने आयोजन स्थल वर्ली के नेहरू सेंटर में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की, जहां पुस्तक ‘नाइदर ए हॉक नॉर ए डोव : एन इंसाइडर अकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी’ का विमोचन बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ. इस मौके पर बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित थे.

स्याही पोतने की घटना उस वक्त हुई, जब कुलकर्णी मुंबई में सायन स्थित अपने घर से निकल रहे थे.

शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोत दी और उन्हें पुस्तक विमोचन कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा.

खुर्शीद की किताब ‘नाइदर ए हॉक, नॉर अ डोव : एन इनसाइडर्स एकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी’ का विमोचन होना था, जिस पर शिवसेना ने आपत्ति जताई थी.

कुलकर्णी ने शिवसेना का नाम लेते हुए कहा था कि उसने नेहरू सेंटर को आयोजन को रद्द करने के लिए कहा था और चेताया था कि ऐसा नहीं करने पर वे शिवसेना की शैली में विरोध करेंगे.

स्याही पोतने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुलकर्णी ने संवाददाताओं से कहा, “शिवसेना को इस तरह किसी कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है. हम सैद्धांतिक कदम उठाएंगे और इस समारोह को रद्द नहीं करेंगे.”

घटना के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कसूरी ने कहा, “कुलकर्णी पर हुए हमले से मैं बेहद दुखी और नाखुश हूं. मैं उन्हें वर्षो से जानता हूं. मैं इसकी निंदा करता हूं. विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए और उन लोगों को विरोध के तरीके में बदलाव लाना चाहिए.”

कसूरी ने कहा, “मैं शांति का पैगाम लेकर आया हूं. दोनों देशों की अधिकांश आबादी अमन चाहती है. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बीच अमन नहीं चाहते.”

उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत होने से दोनों देशों की जनता को लाभ होगा.

कसूरी ने पिछले दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में आई प्रगति का भी जिक्र किया.

घटना की कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी व अन्य मीडिया समूहों ने आलोचना की है. साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्सा जताया है.

कुलकर्णी ने समारोह के आयोजन को लेकर शनिवार रात शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें इस तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला कि कार्यक्रम में किसी तरह की बाधा नहीं डाली जाएगी.

Sudheendra Kulkarni after ink attack

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