दादरी का दाग केन्द्र पर क्यों?
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल किया है दादरी हत्याकांड का दोष केन्द्र सरकार के मत्थे क्यों? प्रधानमंत्री मोदी ने आनंद बाजार पत्रिका को दिये साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि दादरी हत्याकांड, गुलाम अली का विरोध तथा सुधीन्द्र कुलकर्णी के मुंह पर कालिख पोते जाने की घटना से केन्द्र सरकार की क्या भूमिका है. उन्होंने कहा कि ये घटनाये दुखद हैं तथा भाजपा इनका समर्थन नहीं करती है.
धर्मनिरपेक्षता पर बोलते हुये मोदी ने कहा, “पहले भी ये विवाद हुआ है. भाजपा ने हर समय छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है. आज इन दुखद घटनाओं के जरिए फिर से वो विवाद उठा रहे हैं. बातचीत से इसका समाधान संभव है. भाजपा कभी भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करती.”
उन्होंने विपक्ष पर इन घटनाओं के आधार पर धुव्रीकरण करने का आरोप लगाते हुये कहा, “इन घटनाओ के जरिए विपक्ष भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहा है मगर क्या विपक्ष खुद इनके लिए ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रहा है?”
उल्लेखनीय है कि दादरी हत्याकांड, गुलाम अली का शिवसेना द्वारा विरोध, कुलबर्गी की हत्या तथा सुधीन्द्र कुलकर्णी के मुह पर कालिख पोते जाने पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर विपक्ष उन पर लगातार हमले कर रहा है. मोदी के विरोधियों का कहना है कि, “मोदी छोटी बड़ी हर घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन इनका चुप रहना एक रणनीति है. बिहार में सांप्रदातियक बंटवारा को भाजपा और बढ़ावा देना चाहती है.”
प्रधानमंत्री मोदी के आन्द बाजार पत्रिका को दिये साक्षात्कार के बाद विपश्क्ष ने उन पर जमकर निशाना साधा है.
कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा है, “पीएम मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. पीएम कहते हैं एक बनो नेक बनो, जबकि इनके सहयोगी सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं और करवाते हैं. और इस पर पीएम का पूरा सहयोग है.”
सीपीएम के नेता मोहम्मद सलीम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुये कहा है, “खुद पीएम ने लालकिले से कहा था कि इस तरह के मुद्दों पर दस साल तक बात नहीं होगी, लेकिन जब संगीत सोम, आरएसएस के लोग ऐसी बातें करते हैं, कलबुर्गी की हत्या होती है पीएम खामोश क्यों रहते हैं? पीएम इतना बोलते हैं, हर जगह बोलते हैं, विदेश में बोलते हैं, तब दिल्ली से चंद मील की दूरी पर स्थित दादरी की घटना पर बोलने में उन्हें 15 दिन क्यों लग गए?”
वहीं भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने जवाब दिया है, “इसमें कोई लाचारगी नहीं है, जो काम केंद्र के दायरे में आएगा केंद्र करेगा और जो काम राज्य के दायरे में हैं मोदी संविधान के विरोध जाकर हस्तक्षेप तो नहीं करेंगे. ये संभव नहीं, उचित नहीं है, ऐसा होगा भी नहीं. मोदी ने बार बार कहा कि वे देश के सवा सौ करोड़ के पीएम हैं.”
दादरी कांड पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “यदि मोदी दादरी की घटना से दुखी है तो जिन भाजपा नेताओं ने दादरी की घटना का अप्रत्यक्ष समर्थन किया है उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों नहीं करते?”