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भारत में विरासती शहर विकसित करेंगे: मोदी

क्योटो | एजेंसी: प्रधानमंत्री मोदी जापान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के पहले उसके सांस्कृतिक विरासत को समझने क्योटो गये थे. प्रधानमंत्री मोदी जापानी विरासत के समान ही भारत के विरासती शहरों को सहेजना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जापान की प्राचीन राजधानी क्योटो का दौरा उन्होंने यह जानने के लिए किया कि आखिर किस तरह यह शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ तालमेल बनाए हुए है ताकि इसका इस्तेमाल भारत में भी किया जा सके.

क्योटो के बौद्ध संघ की ओर से दिए गए भोज में संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “क्योटो एक आधुनिक शहर है जो अपने समृद्ध सांस्कृतिक आधार पर खड़ा है. इसने सफलतापूर्वक आधुनिक अधोसंरचना के साथ सांस्कृतिक विरासत को सुमेल खड़ा किया है.”

उन्होंने कहा, “हम इसी तरह के विरासती शहर भारत में भी विकसित करना चाहते हैं यही कारण है कि हम इसका अध्ययन करने और समझने के लिए इस शहर में आए.”

मोदी ने कहा कि वे सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को संजोना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, “मैं सांस्कृतिक के साथ ही साथ वैज्ञानिक विरासत को संजोना चाहता हूं और यह मेरे लिए दोनों का युग्म तैयार करना सीखने का अवसर था जिसका हम भारत में इस्तेमाल करेंगे.”

अपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के पहले चरण में क्योटो पहुंचे मोदी ने क्योटो विश्वविद्यालय का दौरा किया और स्टेम सेल के मशहूर जानकार और नोबल पुरस्कार से सम्मानित शिन्या यामानाका से मुलाकात की. उन्होंने उनके साथ भारत और जापान के संस्थानों के बीच सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.

मोदी ने विरासत संरक्षण पर क्योटो के मेयर दाइसाकू काडोकावा से वराणसी का विस्तृत नक्शा दिखाकर बातचीत की. हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल वाराणसी मोदी का चुनाव क्षेत्र है.

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