विकास में जापान का सहयोग लेंगे: मोदी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि उनकी जापान यात्रा से नया अध्याय शुरु होगा. उन्होंने कहा कि इससे दोनों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग मजबूत होंगे.
शनिवार को जापान यात्रा पर रवाना होने की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को जारी एक बयान में मोदी ने कहा है, “मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा से एशिया के दो सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय लिखा जाएगा. यह यात्रा हमारी रणनीतिक और वैश्विक साझीदारी को और ऊंचाई तक पहुंचाने वाली साबित होगी.”
उन्होंने कहा है, “जापान राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में हमारा सबसे पुराने सहयोगियों में से एक है. यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक साझीदार है. दोनों देशों के बीच केवल सादशयता और आपसी समझदारी है.”
मोदी ने कहा है, “हम इस बात की संभावना खंगालेंगे कि भारत के विनिर्माण, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और सामाजिक क्षेत्रों में बदलाव सहित भारत में सबका विकास के मेरे नजरिए में जापान किस तरह खुद को उपयोगी तरीके से संबद्ध करता है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार से शुरू होने वाली जापान की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान बुनियादी ढांचा, व्यापार, रक्षा और असैनिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में संबंध गहरे होने के आसार हैं. मई महीने में सत्ता की कमान संभालने के बाद दक्षिण एशिया से बाहर मोदी की यह पहली विदेश यात्रा होगी.
भारत ने 30 अगस्त से 3 सितंबर तक होने वाली मोदी की जापान यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया है. इस यात्रा का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे मोदी की अगवानी के लिए स्वयं ही क्योटो पहुंचने वाले हैं.
भारत का जोर जापान के साथ असैनिक परमाणु करार के शीघ्र समाधान पर है. इस करार से भारत को परमाणु तकनीक की आपूर्ति का रास्ता खुल जाएगा. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच 2010 से ही वार्ता जारी है.
मोदी सरकार के बुलेट ट्रेन परियोजना पर पहल को देखते हुए इस मुद्दे पर भी बातचीत की संभावना है.