कश्मीर हमारा है- प्रधानमंत्री
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर’ भी हमारा है. शुक्रवार को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ”राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता, लेकिन हमें जम्मू-कश्मीर के लोगों का भरोसा भी जीतना होगा.” उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि इस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक दलों ने एक स्वर में अपनी बात कही है.
इससे पहले, भारत प्रशासित कश्मीर में जारी कर्फ्यू, हिंसा और मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया. सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की.
राजनाथ ने कहा, ‘सभी पार्टियों ने अपनी चिंताओं को एकस्वर में सामने रखा. पीएम ने कहा कि वक्त आ गया है जब पाकिस्तान बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों पर हुई ज्यादती पर दुनिया को जवाब दे.’ राजनाथ ने बताया, ‘जम्मू कश्मीर और यहां के लोगों के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास पैकेज को लेकर केंद्र सरकार ने फैसला किया है.’
वहीं, सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि सभी पार्टियां इस बात पर एकराय हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. जेटली ने बताया, ‘सभी पार्टियों की राय थी कि जम्मू कश्मीर में आम लोग जो समस्याएं झेल रहे हैं, उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए. सिक्युरिटी फोर्सेज से कहा गया है कि वे पूरे संयम से पेश आएं. राज्य के विभिन्न इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है.’
वित्त मंत्री ने पैलेट गन के इस्तेमाल पर कहा, ‘एक एक्सपर्ट कमेटी इस मामले को देख रही है. यह एक ऐसा मामला है, जिसमें सिक्युरिटी से जुड़े पहलुओं को भी देखना होगा. एक बार एक्सपर्ट कमेटी विकल्पों के साथ अपनी राय रख देगी, उसके बाद सरकार कोई फैसला करने की स्थिति में होगी.’
चार घंटे तक चली बैठक के दौरान कुछ विपक्षी दलों ने सरकार से कहा कि वह घाटी के कुछ हिस्सों से अफ्सपा हटाने और पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने जैसे विश्वास बहाली उपाय तत्काल करे. गत आठ जुलाई को हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में अशांति बनी हुई है.
कश्मीर के हालात पर विचार के लिए बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि हालात का जायजा लेने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर का दौरा करे, लेकिन सरकार ने विपक्षी पार्टियों की मांगों पर कोई वादा नहीं किया. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र सरकार संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए वचनबद्ध हैं, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया, ‘हम सभी इस राष्ट्रीय भावना से बंधे हैं कि देश की क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम संविधान के अंतर्गत सभी वर्गों की शिकायतें दूर करने को तैयार हैं.’