राष्ट्र

योजना आयोग पर ‘खुला मंच’ से राय मांगी

नई दिल्ली | एजेंसी: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वेब साइट पर ‘खुला मंच’ के माध्यम से लोगों से राय मांगी है. 15 अगस्त को किये गये घोषणा के अनुरूप योजना आयोग के स्थान पर बनाई जाने वाली दूसरी संस्था के लिये लोगों से नाम का सुझाव मांगा है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा, “हम एक ऐसा संस्थान बनाना चाहते हैं, जो 21वीं सदी के भारत का प्रतिनिधित्व करता हो और राज्यों की सहभागिता को मजबूत करता हो.” संदेश में कहा गया है कि वेबसाइट पर इसके लिए सरकार ने विशेष ‘खुला मंच’ शुरू किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग के स्थान पर गठित की जाने वाली नई संस्था को लेकर आम लोगों से सुझाव मांगा है. 64 साल पुराने योजना आयोग को मोदी एक ऐसे संस्थान में बदलना चाहते हैं, जो 21वीं सदी में देश की प्रशासनिक जरूरतें पूरा करने में सक्षम हो. मोदी ने मंगलवार को वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट माईगव डॉट निक डॉट इन पर लिखा, “योजना आयोग की जगह स्थापित होने वाले नए संस्थान की रूपरेखा पर आपके विचारों का स्वागत है.” स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से मोदी ने कहा था कि मौजूदा संस्थान अपनी प्रासंगिकता खो चुका है.

लाल किले से अपने भाषण में उन्होंने कहा था, “संघीय ढांचे का महत्व बढ़ रहा है यह अच्छी बात है. हमें इसे निश्चित मजबूत करना चाहिए. योजना आयोग की जब स्थापना हुई थी, तब से आज स्थिति काफी बदल गई है.”

मोदी के नए मंच पर लोगों को नए संस्थान के लिए नाम, लोगो और टैगलाइन देने के लिए भी आमंत्रित किया गया है. इसमें कहा गया है, “जिनकी एंट्री को चुना जाएगा, उन्हें आकर्षक पुरस्कार दिया जाएगा. खुद प्रधानमंत्री सोशल मीडिया मंच पर इसका जिक्र करेंगे.”

नाम, लोगो और टैगलाइन का प्रस्ताव भेजने की आखिरी तिथि 25 अगस्त रखी गई है. मंच पर काफी टिप्पणी आ रही हैं.

फोरम पर संस्थान के लिए दिए गए कुछ प्रस्तावित नाम इस प्रकार हैं : ‘केंद्रीय उत्कृष्टता ब्यूरो’, ‘भारतीय राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण’, ‘राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग’, ‘भारत निर्माण आयोग’, ‘राष्ट्रीय विकास सेवा आयोग’ और ‘भारतीय राष्ट्रीय विकास आयोग’.

योजना आयोग का विचार देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रखा था. उन्होंने यह विचार तत्कालीन सोवियत संघ से लिया था. आयोग की स्थापना 15 मार्च, 1950 को की गई थी और इसके साथ ही 1951 से पंचवर्षीय योजना की भी शुरुआत हुई.

उल्लेखनीय है कि खुद योजना आयोग द्वारा गठित एक समिति ने ही योजना आयोग को देश के विकास में बाधक बताया था. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व सहायक महासचिव अजय छिब्बर इस समिति के अध्यक्ष थे.

संयोग से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तीन दिन बाद 29 मई को यह रिपोर्ट उनके सामने पेश की गई थी.

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