छत्तीसगढ़: धान के कटोरे में बढ़ रहा कीटनाशक का जहर
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की फसलों में जहरीले रासायनिक कीटनाशक का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है. हालत ये है कि कई पड़ोसी राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के किसान चार गुणा अधिक कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में तो रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग घटा है.
लेकिन छत्तीसगढ़ में यह लगातार बढ़ता चला गया है.
कीटनाशकों का यह उपयोग स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक साबित हो रहा है.
राज्य में गंभीर बीमारियों के मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य पदार्थों की गड़बड़ी, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है.
दिलचस्प ये है कि रासायनिक कीटनाशकों के इस ग़ैरज़रुरी उपयोग के बाद भी, फसलों के उत्पादन में छत्तीसगढ़ कहीं नहीं है.
साल दर साल बढ़ता गया उपयोग
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में छत्तीसगढ़ में 1740 मीट्रिक टन रासायनिक कीटनाशक का उपयोग होता था.
अगले साल बढ़ कर यह 1775 मीट्रिक टन पहुंच गया.
2023-24 में छत्तीसगढ़ में रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग बढ़ कर 1781 मीट्रिक टन हो गया.
इसके उलट पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में 2021-22 में रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग 654 मीट्रिक टन होता था.
2022-23 में यह आंकड़ा घट कर 598 मीट्रिक टन और 2023-24 में 599 मीट्रिक टन पहुंच गया.
यहां तक कि ओड़िशा में 2021-22 में रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग 1239.93 मीट्रिक टन था, जो 2022-23 में 1347.55 और 2023-24 में घट कर 1143.88 मीट्रिक टन रह गया.
महाराष्ट्र में इसी दौरान कीटनाशक का उपयोग 13175 मीट्रिक टन से घट कर आज की तारीख़ में 8718 मीट्रिक टन रह गया है.
रक़बा बड़ा लेकिन छत्तीसगढ़ से कम उपयोग
देश के कई राज्यों में खेती का रकबा छत्तीसगढ़ के मुकाबले कहीं अधिक है.
लेकिन इन राज्यों में छत्तीसगढ़ के मुकाबले बेहद कम रासायनिक कीटनाशक का उपयोग हो रहा है.
इनमें बिहार जैसे राज्य भी शामिल हैं.
इसके अलावा देश में सिक्किम जैसा राज्य भी है, जो पूरी तरह से जैविक खेती करता है.
छत्तीसगढ़ से कम कीटनाशक का उपयोग करने वाले राज्य
राज्य | 2023-24 | मीट्रिक टन |
---|---|
छत्तीसगढ़ | 1781 |
बिहार | 995 |
झारखंड | 455 |
हिमाचल | 277.32 |
गोवा | 34.81 |
केरल | 528.92 |
मध्यप्रदेश | 599 |
ओडिशा | 1143.88 |
उत्तराखंड | 78.73 |
अरुणाचल प्रदेश | 2.55 |
मणिपुर | 21.69 |
मिजोरम | 93.77 |
नागालैंड | 26.17 |
दिल्ली | 21 |
जम्मू व कश्मीर | 433.20 |