आबादी भूमि में रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक
रायगढ़|संवाददाताः छत्तीसगढ़ में एक बार फिर आबादी पट्टा बांटने का काम शुरू हो रहा है. इस बार स्वामित्व योजना के तहत इसके लिए ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया गया है. जिसका नक्शा आना शुरू हो गया है, लेकिन नक्शा टुकड़ों में आ रहा है, जिस वजह से राजस्व विभाग के अधिकारी काम आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.
रायगढ़ जिले में कुल 549 ग्राम पंचायतों के साढ़े 9 सौ गांवों में आबादी पट्टे के लिए सर्वे किया गया है, लेकिन अब तक मात्र 527 गांवों का ही नक्शा भू-अभिलेख में आया है. इन नक्शों का संबंधित गांवों के पटवारी जांच करेंगे, उसके बाद उसे बांटा जाएगा.
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर निवासरत संपत्ति मालिकों को संपत्ति का प्रमाण पत्र देने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की है.
इसके लिए आबादी जमीन में बने घरों का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया गया है, लेकिन इसमें दिक्कत ये आ रही है कि राजस्व विभाग के रिकार्ड में नजूल या सरकारी जमीनें कई मदों में दर्ज है.
आबादी पट्टा उन्हीं लोगों को मिलना है जो आबादी भूमि पर मकान बनाकर सालों से रह रहे हैं. लेकिन ड्रेन के सर्वे में सभी घरों का नक्शा आया है.
अब इन नक्शों में आबादी भूमि का चिन्हाकन फिर पटवारियों को करना है.
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में अभी भी 423 गांवों का नक्शा आना बाकी है.
संबंधित गांवों के पटवारी अब इन नक्शों का जो नियम-कानून लागू किया गया है उसी के मुताबिक मिलान करेंगे. नियम के तहत जो लोग दायरे में आएंगे उन्हें पट्टा का वितरण किया जाएगा.
जिनके पास दस्तावेज नहीं उन्हें मिलेगा फायदा
गांवों में सैकड़ों परिवार ऐसे भी हैं जिनका आबादी भूमि पर कई वर्षों से स्वामित्व तो है, लेकिन उनके पास भूखंड से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है.
इस सर्वे के बाद अब खाली भूखंड और कमान निर्माण की जानकारी राजस्व रिकॉर्ड सहित मानचित्र पर दर्ज हो जाएगी.
प्रत्येक गांव का अलग मानचित्र तैयार हो जाएगा. भूमि मालिकों का नाम नक्शे के अनुसार दर्ज हो जाएगा. साथ ही उस भूमि का मालिका हक का प्रमाण पत्र भी उन्हें मिल जाएगा.
बताया गया कि समय-समय पर सरकार की ओर से कई तरह के स्कीम लॉच कर आबादी पट्टा का वितरण किया जाता रहा है.
जो भी सरकार आती है वह इसे एक नया नाम देकर अपनी योजना लागू कर देती है. इसी के तहत आबादी पट्टा वितरण किया जाता रहा है.