कोयला उत्पादन बढ़ाने की अनुमति
कोरबा | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के कोयला उत्पादन क्षेत्र गेवरा को नए साल में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने बड़ा तोहफा दिया है. इस इलाके में कोयला उत्पादन की क्षमता 50 लाख टन बढ़ाने की अनुमति मिल गई है. साल 2014 से अब गेवरा में सालाना कोयला उत्पादन की क्षमता 3.5 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ टन कर दी गई है.
अब एसईसीएल गेवरा वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में 50 लाख टन अतिरिक्त कोयला उत्पादन करेगा. एक्सपर्ट एप्रेजल कमेटी थर्मल एंड कोल माइनिंग की सब कमेटी इस संबंध में जल्द ही गेवरा क्षेत्र का दौरा करेगी.
नई दिल्ली में एएस लांबा की अध्यक्षता में ईएसी की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में एसईसीएल के प्रभारी सीएमडी एन कुमार, एसईसीएल गेवरा के जीएम डी श्रीनाथ सहित अन्य अधिकारी शामिल थे. बैठक में गेवरा क्षेत्र में 5 लाख टन के विस्तार की सशर्त अनुमति दी गई.
इससे पहले दीपका को अपनी उत्पादन क्षमता 2.5 करोड़ टन से बढ़ाकर 3 करोड़ टन करने का क्लीयरेंस मिल चुका है. एसईसीएल को इस वर्ष 12.5 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है जिसमें 9.1 करोड़ टन कोयला कोरबा जिले की खदानों से ही मिलेगा.
बताया जाता है कि एसईसीएल गेवरा के कोयला का बड़ा हिस्सा एनटीपीसी के कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन को मिलता है. दो वर्ष पहले एनटीपीसी कोरबा प्लांट की उत्पादन क्षमता 2100 मेगावाट से बढ़ाकर 2600 मेगावाट हो गई है. गेवरा का जो 50 लाख टन कोयला उत्पादन बढ़ेगा वह एनटीपीसी को दिया जाएगा. अभी कोयले की कमी से जूझ रहा एनटीपीसी आस्ट्रेलिया व इंडोनेशिया से कोयले का आयात कर रहा है.
एसईसीएल कोरबा के नोडल अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि कोरबा की मानिकपुर परियोजना की 22 लाख टन क्षमता को 35 लाख टन बढ़ाने की अनुमति मांगी गई है, लेकिन यह अब तक नहीं मिली है. हम 22 लाख टन कोयला निकालने के अंतिम चरण में हैं. उसके बाद आगे खनन विस्तार अनुमति न होने के कारण नहीं कर पाएंगे. कुसमुंडा, दीपका, कोरबा को यदि उत्पादन विस्तार की अनुमति मिल जाती है तो निकट भविष्य में कोरबा जिले से 10 करोड़ टन कोयला सालाना देश को मिलेगा.