रक्षा दलालों को वैधता, दलाली को नहीं
नई दिल्ली | एजेंसी: एनडीए सरकार रक्षा खरीदी प्रक्रिया में बदलाव लाने जा रही है. इस बदलाव के तहत रक्षा खरीदी प्रक्रिया में दलालों को अनुमति दी जा सकती है परन्तु दलाली अवैध रहेगा. दलालों को मेहताना दिया जा सकेगा. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि विदेशी रक्षा कंपनियों के एजेंटों को विनियमित करने के लिए रक्षा खरीद नीति में अगले डेढ़ महीने में बदलाव कर दिए जाएंगे. मंगलवार देर रात संवाददाताओं से बातचीत में पर्रिकर ने यह भी कहा कि मंत्रालय प्रतिबंधित रक्षा कंपनियों के सभी मामलों की फिर से समीक्षा करने के बारे में सोच रहा है. और मामले की योग्यता के आधार पर कुछ कंपनियों के सौदे करने की सशर्त या सीमित अनुमति दी जा सकती है.
मंत्री ने कहा कि टाट्रा ट्रकों के लिए स्पेयर पार्ट हासिल करने के लिए भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड पर लगी पाबंदी आंशिक तौर पर हटाई गई है.
पर्रिकर ने कहा कि रक्षा खरीदी प्रक्रिया में दलालों को अनुमति देने वाला एक अनुच्छेद मौजूद है, लेकिन किस चीज की अनुमति नहीं है, उसके बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश मौजूद नहीं है.
पर्रिकर ने कहा, “रक्षा खरीदी प्रक्रिया में रक्षा कंपनियों द्वारा दलालों, प्रतिनिधियों या प्रौद्योगिकी सलाहकारों की नियुक्ति की पहले से अनुमति है, लेकिन समस्या यह है कि इसमें यह नहीं बताया गया है कि क्या-क्या चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.”
उन्होंने कहा, “रक्षा खरीदी प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा. दलालों को अनुमति दी जाएगी, लेकिन सौदे के लिए दलाली या लाभांश को अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रतिनिधियों को दिए जाने वाले मेहनताने का खुलासा कंपनी को करना होगा.”
पर्रिकर ने कहा कि परिवर्तित नीति का प्रारंभिक मसौदा तैयार हो चुका है. आठ से 10 दिनों में अंतिम मसौदा तैयार हो जाएगा. उसके बाद मंत्रिमंडल के सामने पेश किए जाने से पहले यह अन्य प्रक्रियाओं से गुजरेगा.
पर्रिकर ने कहा, “अगले डेढ़ महीने में प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी.” उन्होंने हालांकि कहा कि मंत्रालय द्वारा अब तक प्रतिबंधित किए जा चुके प्रतिनिधियों को नई नीति में अनुमति नहीं दी जाएगी.
मौजूदा रक्षा खरीदी प्रक्रिया के तहत दलालों को रक्षा मंत्रालय में अपना पंजीकरण कराने का विकल्प उपलब्ध है, लेकिन कुछ ही दलालों ने ऐसा किया है.
पर्रिकर ने यह भी कहा कि प्रतिबंधित कंपनियों को सर्शत अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने कहा, “अलग-अलग मामले और जरूरत के आधार पर एक निश्चित स्तर तक प्रतिबंध हटाए जाने के बारे में सोचा जा सकता है.”
पर्रिकर ने कहा कि सरकारी कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड को टाट्रा ट्रकों के लिए स्पेयर पार्ट आपूर्ति करने की अनुमति दी जा चुकी है. शर्त हालांकि यह है कि वह इस मामले में अपनी ब्रिटिश सहायक इकाई से संबंध नहीं रखेगी, जिस पर बीईएमएल सौदे में अनियमितता पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगाया गया है.
उन्होंने कहा, “बीईएमएल को सीमित अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया है, क्योंकि हमें टाट्रा ट्रक चाहिए.”
उन्होंने कहा, “जिस कंपनी पर पाबंदी लगाई गई है वह है टाट्रा यूके, और हमने बीईएमएल को मूल कंपनी के साथ संबंध रखने की अनुमति दी है, जिसके मालिक अब दूसरे लोग हैं, .. लेकिन उन्हें उन लोगों से संबंध रखने की अनुमति नहीं है, जो सवालों के घेरे में हैं.”
टाट्रा पर मार्च 2012 में पाबंदी लगाई गई थी. सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने आरोप लगाया था कि कंपनी द्वारा भारतीय सेना को दोयम दर्जे के ट्रकों की आपूर्ति को मंजूरी देने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी.
इससे पहले इटली की प्रतिबंधित रक्षा कंपनी फिनमैक्के निका की सहायक इकाई अगस्टा वेस्टलैंड को कारोबार करने की सीमित अनुमति दी गई थी.
फिनमैक्के निका पर 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के कारण प्रतिबंध लगाया गया था.