छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरु
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में दिसंबर और जनवरी में होने वाले तीन स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव के लिए हर जनपद और जिला पंचायत स्तर पर शासकीय अधिकारियों के प्रकोष्ठ गठित किए जाएंगे. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एम.के.राउत ने जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर जनपद और जिला स्तर पर गठित होने वाले प्रकोष्ठ के संबंध में जरूरी निर्देश दिए.
इस परिपत्र में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा पंचायतों के आम चुनाव के लिए समय-सारिणी जारी की गयी है. समय सारिणी के अनुसार आगामी दिसम्बर-जनवरी माह में ग्राम, जनपद और जिला पंचायतों का चुनाव कराया जाना है. इसके लिए जिला स्तर पर कार्रवाई भी प्रारंभ हो गयी है. चुनाव से संबंधित समस्त कार्रवाईयों के लिए जिला कलेक्टरों को जिम्मेदारी दी गयी है.
पंचायतों के गठन के लिए ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और जिला पंचायतों के क्षेत्रों का परिसीमन, वार्ड निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और आरक्षण, ग्राम पंचायतों के उप संरपंचों, जनपद एवं जिला पंचायतों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का निर्वाचन, तीनों स्तरों की पंचायतों का प्रथम सम्मिलन राज्य शासन की ओर से कराया जाना है. प्रथम सम्मिलन के बाद तीनों स्तरों की पंचायतों में स्थायी समितियों के गठन का कार्य भी किया जाना है. ये सभी कार्य व्यापक स्वरूप के होने के कारण हर जनपद और जिला पंचायत स्तर पर अधिकारियों के प्रकोष्ठ गठित करने के निर्देश दिये गये हैं.
ग्राम पंचायतों का होगा परिसीमन
छत्तीसगढ़ में पंचायतीराज संस्थाओं के आगामी निर्वाचन के सिलसिले में ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों के परिसीमन की तैयारी शुरू हो गयी. ग्राम पंचायतों की बढ़ी हुई जनसंख्या की वजह से ग्राम पंचायत क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा.
सरकार द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि वर्तमान ग्राम पंचायतों की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों का परिसीमन किया जाए. छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य अधिनियम 1993 की धारा तीन के अन्तर्गत गांवों के संबंध में अधिसूचना जारी करने का प्रावधान है. गांवों को अधिसूचित करने के पूर्व वर्ष 2011 की जनसंख्या के आंकड़े स्थानीय स्तर पर जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी के पास उपलब्ध हो सकता है.
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि ग्राम पंचायतों के परिसीमन का प्रस्ताव करते समय अनेक बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है. प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या कम से कम एक हजार होनी चाहिए. पूर्ववर्ती ग्राम पंचायत मुख्यालय को यथावत रखा जाए, जहां नयी ग्राम पंचायत भी अधिसूचित किया जाना प्रस्तावित हो, तो वहां ऐसे ग्राम पंचायतों की आबादी एवं वहां पर उपलब्ध अधोसंरचना का विशेष ध्यान रखा जाए. ग्राम पंचायतों के मुख्यालय गांव से आश्रित गांवों की दूरी कम से कम हो. किसी ग्राम पंचायत के आश्रित गांव में जाने के लिए अन्य ग्राम पंचायत के मुख्यालय या आश्रित गांव को पर करने जैसी स्थिति उत्पन न हो. यथा संभव ग्राम पंचायत में आने वाले गांवों का पटवारी हल्का नम्बर एक ही हो, किन्तु मुख्यालय से कम से कम दूरी के सिद्धांत को बनाए रखना आवश्यक है. ग्राम पंचायत के परिसीमन प्रस्ताव तैयार करते समय नदी, नाले, पठार, पहाड़ आदि का भी ध्यान रखा जाए, ताकि मुख्यालय गांव से आश्रित गांव के लोगों को ग्राम पंचायत मुख्यालय से जीवंत सम्पर्क बनाने में असुविधा न हो.
परिपत्र में कहा गया है कि वर्तमान ग्राम पंचायत जो अधिसूचित हैं, उनको जनपद पंचायत स्तर के नजरी-नक्शे पर दर्शाया जाए तथा दूसरा अन्य नजरी-नक्शा प्रस्तावित ग्राम पंचायतों के लिए तैयार किया जाए, जिनमें मुख्यालय गांव सहित सम्मिलित अन्य गांव दर्शाया गया हो. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा तीन के अन्तर्गत प्रत्येक गांवों को अधिसूचित करने के लिए सारिणी तैयार की जाए. इसमें विकासखंड का नाम, क्रमांक, ग्राम का नाम, ग्राम के अन्तर्गत आने वाले गांवों के नाम, जनसंख्या एवं पटवारी हल्का नम्बर का उल्लेख होगा.
जनगणना 2011 के अनुसार होगा ग्राम पंचायत क्षेत्रों का परिसीमन
राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों का परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार किया जाएगा. सुविधा की दृष्टि से विद्यमान ग्राम पंचायतों में सम्मिलित गांव की जनसंख्या के आंकड़ों का संधारण करने के निर्देश दिये गये हैं. कलेक्टरों से कहा गया है कि विद्यमान में स्थापित ग्राम पंचायतों में सम्मिलित गांवों का भलीभांति परीक्षण कर लिया जाए, ताकि कोई भी गांव प्रकाशन में छूट न जाए.
कलेक्टरों से कहा गया है कि जनगणना 2011 की जनसंख्या के अनुसार कुछ समय पूर्व आपके जिले से जानकारी मंगाई गई थी, इसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गांवों की जनसंख्या आपके पास उपलब्ध है. किसी ग्राम विशेष के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो तो जिले में स्थित जनगणना कार्यालय, जिला सांख्यिकी अधिकारी, जिले के सूचना विज्ञान केन्द्र की सहायता ली जा सकती है.
पंचायतों के परिसीमन, वार्ड एवं क्षेत्र निर्धारण के लिए समय-सारणी घोषित
राज्य सरकार ने इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायतों के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए इनके परिसीमन, वार्ड एवं क्षेत्र निर्धारण के लिए समय-सारणी घोषित कर दी है.
समय सारणी इस प्रकार है- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रत्येक गांवों की जनसंख्या, ग्राम पंचायत-वार संधारित किया जाना 26 मई से पांच जून तक, ग्राम पंचायतों का परिसीमन, प्रस्ताव नजरी नक्शा सहित तैयार किया जाना छह जून से 16 जून तक, वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर प्रस्तावित ग्राम पंचायतों का प्रथम प्रकाशन, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, तहसील कार्यालय अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय 25 जून तक, ग्राम पंचायत परिसीमन हेतु दावा-आपत्ति अनुभागीय अधिकारी को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 5 जुलाई तक, प्रथम प्रकाशन का दावा-आपत्ति का निराकरण एवं कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजना सात जुलाई से 11 जुलाई तक, दावा-आपत्ति के बाद नवीन ग्राम पंचायतों के परिसीमन का अंतिम प्रकाशन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, तहसील कार्यालय अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय 21 जुलाई तक, नवीन ग्राम पंचायतों का राजपत्र में प्रकाशन हेतु भेजा जाना 21 जुलाई को, नवीन ग्राम पंचायतों का सांख्यिकीय प्रतिवेदन तैयार किया जाना 25 जुलाई तक निर्धारित किया गया है.
इसी तरह राजस्व जिले के अनुसार जिला पंचायतों का परिसीमन प्रस्ताव तैयार करना 26 मई से 5 जून तक, जिला पंचायत का परिसीमन, प्रारूप नजरी नक्शा सहित तैयार किया जाना छह जून से 16 जून तक, राजस्व जिले को आधार मानकर प्रस्तावित जिला पंचायत का प्रथम प्रकाशन, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, तहसील कार्यालय अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) कलेक्टर कार्यालय 25 जून तक, जिला पंचायत परिसीमन हेतु दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि पांच जुलाई तक, प्रथम प्रकाशन का दावा-आपत्ति का निराकरण सात जुलाई से 11 जुलाई तक, दावा-आपत्ति के बाद नवीन जिला पंचायत का परिसीमन का अंतिम प्रकाशन, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, तहसील कार्यालय अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) कलेक्टर कार्यालय 21 जुलाई तक, नवीन ग्राम पंचायतों का राजपत्र में प्रकाशन हेतु भेजा जाना 21 जुलाई तक, नवीन जिला पंचायत का राजपत्र में प्रकाशन 21 जुलाई को, नवीन जिला पंचायत का सांख्यिकीय प्रतिवेदन तैयार किया जाना 25 जुलाई तक, प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के वार्डों के विभाजन के प्रकाशन की अंतिम तिथि 31 जुलाई तक, प्रदेश के सभी जनपद पंचायत और जिला पंचायत का वार्ड, क्षेत्र का निर्धारण, प्रारंभिक प्रकाशन, दावा-आपत्ति प्राप्त करना एवं निराकरण कर अंतिम प्रकाशन 20 अगस्त तक, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के पदाधिकारियों के लिए पदों का आरक्षण किया जाना 22 सितम्बर तक और राज्य निर्वाचन आयोग को पदों के निर्धारण का विस्तृत सांख्यिकीय प्रतिवेदन भेजने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2014 निर्धारित की गई है.