सरकार की मोबाइल क्रांति को सरपंचों की ना
संवाददाता | बिलासपुर: राज्य सरकार की मोबाइल क्रांति को सरपंचों से ही चुनौती मिलने लगी है. अलग-अलग ब्लॉक के सरपंचों ने संघ के बैनर तले जनपद अधिकारियों को बता दिया है कि वे 14वें वित्त के दूसरे किश्त की 70 फीसदी राशि अपने दस्तखत से नहीं लौटाएंगे.
जनपद अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में सरपंचों ने कहा है कि वे सरकार द्वारा राशि लेने के विरोध में नहीं हैं. सरकार चाहे तो दूसरे किश्त की पूरी राशि खुद ही रख ले, लेकिन राशि का आहरण सीधे सरकार द्वारा हो. दरअसल राज्य सरकार ने 7 दिसंबर 2017 को जारी आदेश में 14वें वित्त के दूसरे किश्त की 70 फीसदी राशि ग्राम पंचायतों से वापस लेने के निर्देश दिए हैं.
यह राशि ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिव के दस्तखतयुक्त चेक से वापस लेने को कहा गया है. उक्त राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को वापस होगी और फिर यही राशि छत्तीसगढ़ इनफोटेक प्रमोशन सोसायटी, यानी चिप्स को दी जाएगी. सरकार ने जारी आदेश में बताया है कि पंचायतों की राशि को मोबाइल क्रांति में खर्च किया जाएगा. गांवों में लगे मोबाइल टावरों की क्षमता बढ़ाने और मोबाइल टावर विहीन गांवों में नए टावर लगाने पर राशि खर्च होगी. बिलासपुर जिले के पेंड्रा और तखतपुर ब्लॉक के सरपंचों ने अपने संघ के बैनर तले सरकार के निर्देशानुसार राशि वापस करने से इंकार कर दिया है.
तखतपुर ब्लॉक के सरपंच संघ के अध्यक्ष धनंजय सिंह क्षत्री ने बताया कि सरकारी निर्देश का पालन करने से गांवों में विवाद की स्थिति बनेगी. विरोधी गांव की पहली जरूरतों को पूरा करने के बजाय निजी कंपनियों से सांठगांठ कर मोबाइल टावर पर राशि खर्च करने का आरोप लगाएंगे.
उन्होंने बताया कि 14वें वित्त की राशि को खर्च करने के लिए पंचायतों ने पहले से योजना बना रखी है. वो काम नहीं होंगे तो भी विरोध होगा. राशि सरकार की है, वो खुद ही राशि का समायोजन कर ले. ऐसे में विरोध नहीं होगा और ग्रामीणों को हम जवाब दे सकेंगे कि सबकुछ सरकार के स्तर पर हुआ है. इस संदर्भ में बिलासपुर जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्धकी का कहना है कि अब तक उन्हें जानकारी नहीं है कि सरपंचों ने राशि लौटाने से मना किया है. अगर ऐसा है तो राज्य शासन से मार्ग दर्शन मांगेंगे.
ये है मामला
राज्य सरकार ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को 14 वें वित्त के द्वितीय किश्त के तौर पर 459 करोड़ रुपए जारी किए हैं. मोबाइल नेटवर्क का कवरेज बढ़ाने के लिए चिप्स को 610 करोड़ रुपए देने का उल्लेख करते हुए सरकार ने पंचायतों से 70 फीसदी राशि लौटाने को कहा है. अब सरपंच सवाल उठा रहे हैं कि ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बीना कवरेज बढ़ाने में राशि खर्च करना नियम विपरीत होगा.
सरपंचों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव लाने की भी कोशिश की तो ग्रामीणों ने विरोध कर दिया. सरपंचों ने बताया कि ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हैं कि यह सरकार का निर्देश है. ग्रामीण मोबाइल कवरेज के बजाय सीसी रोड, नाली जैसे कामों को पूरा कराने की मांग कर रहे हैं.