पनामा पेपर्स: बुरे फंसे नवाज़ शरीफ़
इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: ‘पनामा पेपर्स’ ने पाकिस्तान के राजनीति में भूचाल ला दिया है. पनामा पेपर्स पर अपनी सफाई पेश करने के लिये प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ राष्ट्र के नाम संदेश भी दिया परन्तु उसके बाद भी बात बनती नहीं नज़र आ रही है. विपक्ष है कि उनपर ताबड़तोड़ हमलें कर रहा है. नवाज़ लाख सफाई दे कि वे पनामा पेपर्स में लगाये गये आरोप में पाकसाफ हैं कोई उन पर भरोसा नहीं कर रहा है. ‘पनामा पेपर्स’ लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने दबाव बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने जांच के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है. ‘डॉन’ आनलाइन की खबर के अनुसार, नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह ने जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक और पाकिस्तान के तहरीक-ए-इंसाफ के शाह मोहम्मद कुरैशी से इस घोटाले की जांच के कई विकल्पों पर विचार करने के लिए शुक्रवार को बात की. यह घोटाला शरीफ परिवार और अन्य पाकिस्तानियों के विदेशी खातों से संबंधित है.
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के एक संघ ने दुनिया भर की नामचीन हस्तियों के विदेशी निवेश से जुड़े गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए थे, जिन्हें ‘पनामा पेपर्स’ नाम दिया गया है.
सिराजुल हक ने कहा कि जब पाकिस्तान सरकार एक जांच आयोग गठित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख रही है, विपक्षी दलों को भी ऐसा ही पत्र भेजकर पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह करना चाहिए कि वह सरकार के आग्रह को खारिज नहीं करें.
सीजेपी से आग्रह किया जाना चाहिए कि न केवल इस घोटाले की जांच करें, बल्कि विदेश में जमा की गई लूट की राशि को वहां से लाएं और जिन लोगों ने इस तरह के अपराध किए हैं, उन्हें कड़ी सजा भी दें.
इस घोटाले की जांच के लिए शरीफ के प्रस्तावित तंत्र को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने खारिज कर दिया है.
पार्टी के अनुसार, राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान शरीफ के भाषण से उनके परिवार की स्थिति स्पष्ट होने की जगह उनके विरोधियों की दलीलों को और बल मिला है.
सीनेट के सदस्य सईद गिलानी ने कहा, “उनके भाषण में कोई भी स्पष्ट रुख नहीं है. मुझे यह कहने का खेद है, लेकिन भाषण अपना मकसद नहीं पूरा कर पाया.”
उन्होंने कहा कि शरीफ के भाषण ने मामले को और भ्रामक बना दिया और उनके परिवार के प्रति और शंकाएं पैदा कर दीं.
उन्होंने कहा कि यह समय ‘पनामा पेपस’ में किए गए खुलासों का निवारण करने का है, उन आरोपों का प्रतिवाद करने का नहीं है.
प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद नेशनल एसेंबली में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सदस्य फारूक सत्तार ने कहा कि शरीफ ने बगैर किसी विचार-विमर्श के राष्ट्र को संबोधित करके पहली गलती की. शरीफ ने अपने संबोधन में कहा था कि ‘पनामा पेपर्स’ जांच में दोषी पाए जाने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे.
शाह ने शुक्रवार को सदन में कहा कि यदि पनामा लीक मामले में शरीफ के खिलाफ लगे आरोप गलत साबित होंगे तो वह उनसे माफी मांग लेंगे.
इस बीच पंजाब विधानसभा के विपक्ष के नेता मियां महमूदुर राशिद ने पाकिस्तान मुस्लीम लीग के नेता चौधरी परवजे इलाही से मुलाकात की.
दोनों नेताओं ने कहा कि बार-बार देश को संबोधित करने की जगह शरीफ को जांच के लिए प्रस्तावित आयोग गठित करने से पहले इस्तीफा दे देना चाहिए.