छत्तीसगढ़ को चाहिए अमन और झारखंड को पम्मी
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ पुलिस को झारखंड की जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू चाहिए और झारखंड को छत्तीसगढ़ की जेल में बंद पम्मी. दोनों राज्यों की पुलिस को भरोसा है कि इनसे पूछताछ के बाद कई राज खुल सकते हैं.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक बार फिर अदालत से अमन साहू को लाने के लिए वारंट हासिल किया है. वहीं झारखंड में एटीएस की टीम पम्मी से पूछताछ के लिए रायपुर आने की तैयारी में है.
असल में झारखंड में रंगदारी टैक्स वसूलने के लिए ए के 47 के साथ चलने वाला, बेहद पतला-दुबला, 12वीं पास, मोबाइल दुकान चलाने वाला अमन साहू 17 साल की उम्र में ही रंगदारी वसूलने लगा था. उसके ख़िलाफ़ 50 से अधिक मामले दर्ज हैं.
अमन साहू को 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 29 सितंबर 2019 को वह हिरासत से फरार हो गया. लगभग तीन साल बाद, पुलिस ने उसे जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया. तब से वह झारखंड की जेल में है.
पुलिस का दावा है कि वह जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट करता है. आरोप है कि वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले की नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना के रहने वाले सुनील कुमार मीणा ऊर्फ मयंक सिंह के सहयोग से लारेंस विश्नोई से जुड़ा हुआ है. विश्नोई भी जेल में है.
अमन को तीन बार लाना टल चुका है
छत्तीसगढ़ में अपना दबदबा बनाने की कोशिश करने वाले अमन साहू को छत्तीसगढ़ पुलिस लंबे समय से प्रोडक्शन वारंट पर छत्तीसगढ़ लाने की कोशिश कर रही थी.
पिछले तीन बार से उसे छत्तीसगढ़ लाना इसलिए टल गया , क्योंकि हर बार प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद उसे दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. पिछले ढाई साल में उसे झारखंड की 10 अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है.
इस साल जुलाई में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिन दहाड़े बड़े कारोबारी प्रह्लाद अग्रवाल की गाड़ी पर गोली चलाई गई थी.
आरोप था कि लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग ने यह हमला करवाया है. इसी गैंग से जुड़े मयंक सिंह ने दो महीने पहले धमकी दी थी और कारोबारियों को चेतवानी दी ती कि बोर्ड ऑफ डायरेक्ट, टीम एंड फैमिली से बहुत जल्द एक आदमी कम कर दूँगा.
बाद में मयंक सिंह ने इस हमले की ज़िम्मेवारी लेते हुए एक मेल भी भेजा.
लेकिन अमन साहू का छत्तीसगढ़ आना टल गया.
अब एक बार फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह में अमन साहू को लाने के लिए वारंट जारी किया गया है.
पम्मी है राजदार
इधर झारखंड एटीएस पिछले चार महीनों से अमन साहू गैंग के हर संभव संपर्कों पर धावा बोल रही है. इस दौरान अमन के कई साथियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.
झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा मान कर चल रहे हैं कि रायपुर जेल में बंद पम्मी से पूछताछ में कई राज सामने आ सकते हैं.
रायपुर में कारोबारी पर हमले के दौरान पम्मी के मौके पर उपस्थित होने और सारा इंतजाम करने का आरोप है.
पम्मी झारखंड के अमन साहू गिरोह के खास सदस्य आकाश राय की पत्नी है. कहा जाता है कि जेल से बाहर, अमन साहू के पैसों को ठिकाने लगाना, उसके लिए वसूली करना, वसूली करने वाले दूसरे सदस्यों की मदद करना, यह सारा काम पम्मी अकेले करती है.
अमन साहू गिरोह ने वसूली के पैसों को कहां निवेश किया है, यह जानकारी भी पम्मी के पास हो सकती है.