पाकिस्तान नौका में आतंकवादी थे
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रक्षामंत्री पर्रिकर ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी नाव में आतंकवादी ही थे. देश के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने तर्क दिया कि यदि आतंकवादी के स्थान पर मादक पदार्थो के तस्कर होते तो नाव को विस्फोटक से कैसे उड़ा सकते थे. उल्लेखनीय है कि संदिग्ध पाकिस्तानी नाव के सवारो ने तटरक्षकों दल से सामना होने पर विस्फोट करके नाव को उड़ा दिया था जिससे कोई सुराग न मिल सके. जाहिर है कि नाव में मादक पदार्थो के तस्कर नहीं वरन् आतंकवादी थे. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को यहां कहा कि गुजरात के तट से दूर विस्फोट के बाद डूबी पाकिस्तानी नौका में सवार लोग संदिग्ध आतंकवादी थे. उन्होंने एक कार्यक्रम के इतर यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि वे संदिग्ध आतंकवादी थे और इसलिए उन्होंने खुद को उड़ा लिया. मादक पदार्थो को लेकर जाने वाली सामान्य नौका के लोग आत्मसमर्पण कर सकते हैं.”
पर्रिकर ने कहा, “मादक पदार्थो के तस्कर क्यों पाकिस्तानी समुद्री अधिकारियों के संपर्क में थे? उन्होंने खुद को क्यों उड़ा लिया?”
उन्होंने कहा, “नौका में सवार लोगों ने आत्मसमर्पण की जगह खुद को उड़ाने का फैसला किया. तस्कर हमेशा मादक पदार्थो को सौंप सकते हैं.”
इस घटना ने 26/11 के मुंबई हमले की याद दिला दी. भारतीय तट रक्षकों ने नौका का पीछा किया और उसे रोका.
कराची से निकली नौका ने एक जनवरी को भारतीय तट रक्षक द्वारा रोके जाने पर खुद को आग लगा ली थी और डूब गई. माना जा रहा है कि इसमें चार लोग सवार थे.
रक्षा मंत्री ने तट रक्षकों के प्रयास के लिए उनकी प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने सही समय पर सही काम किया.
पर्रिकर ने कहा, “भारतीय तट रक्षक ने तत्काल जवाब दिया. नौका पर 12 घंटे से नजर रखी जा रही थी और उसे तत्काल रोका गया.”
मंत्री ने कहा कि नौका समुद्र के सामान्य मार्ग पर नहीं थी और तस्कर सामान्यत: व्यस्त मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वे मछली पकड़ने वाली नौका के साथ मिल जाएं. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बात से साबित हो जाता है कि पाकिस्तानी नाव में आतंकवादी ही थे जिनका इरादा भारत के किसी समुद्री तट पर बसे शहर में आतंक फैलाना था. उल्लेखनीय है कि मनोहर पर्रिकर के रक्षामंत्री बनने के बाद इसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है.