पाकिस्तान में तनाव कम होगा
इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: दो दलों द्वारा बातचीत के लिये तैयार होने से पाकिस्तान में तनाव घटने के आसार हैं. पाकिस्तान में दो राजनीतिक दलों का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहने से उत्पन्न तनाव शुक्रवार को तब कम होता नजर आया जब पाकिस्तान तरहीक-ए-इंसाफ, पीटीआई ने वार्ता की मेज पर वापसी की सहमति जताई. देश की सीनेट यानी संसद के ऊपरी सदन ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे और विधानसभाओं को भंग करने की मांग खारिज कर दी.
नेशनल एसेंबली यानी संसद का ऊपरी सदन प्रधानमंत्री के समर्थन में पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुका है और सीनेट के इस प्रस्ताव से नवाज शरीफ की स्थिति और मजबूत हुई है.
डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी अब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पीएमएल-एन नीत सरकार के साथ बातचीत करने को राजी है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस्लामाबाद के रास्ते में लगाए गए कंटेनरों को हटाना शुरू कर दिया है. इस्लामाबाद में पीटीआई के प्रमुख इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक, पीएटी के मौलाना ताहिर उल कादरी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग को लेकर 14 अगस्त से ही धरने पर बैठे हुए हैं. दोनों नेताओं का कहना है कि 2013 के आम चुनाव में धांधली हुई थी.
कुरैशी ने यह भी कहा है कि मुल्तान स्थित उनके घर पर इससे पहले जिन लोगों ने हमला किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत करने का रास्ता तैयार करने के तहत वे शीघ्र ही पंजाब के राज्यपाल चौधरी मोहम्मद सरवर से संपर्क करेंगे.
उधर सीनेट में मुख्य विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर सईद घानी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे व विधानसभाओं को भंग करने की मांग के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया और सभी अन्य दलों ने इसका समर्थन किया.
सदन में मौजूद किसी भी दल ने प्रस्ताव का विरोध नहीं किया. इस स्थिति को प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
प्रस्ताव में कहा गया है, “सदन कानून का शासन और संविधान तथा संसद की संप्रभुता बनाए रखने की बात दोहराता है. लोकतांत्रिक प्रणाली देश में लगातार काम करते रहनी चाहिए और विकसित होनी चाहिए.”
उधर इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ, पीटीआई पार्टी के सांसदों ने शुक्रवार को नेशनल एसेंबली से इस्तीफा दे दिया.
खान ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है और कहा है कि वह अपनी भावी रणनीति शनिवार को घोषित करेंगे.
नवाज शरीफ और यहां तक कि संसद की मुख्य विपक्षी पार्टी ने भी इस्तीफे की मांग खारिज कर दी है.
संसद भवन के बाहर जारी विरोध प्रदर्शन से राजधानी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, क्योंकि प्रशासन ने कुछ महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा को लेकर कुछ सड़कें बंद कर दी है. इन इमारतों में राजनयिक मिशन भी शामिल हैं. दूतावास प्रदर्शन स्थल से चंद मीटर की ही दूरी पर स्थित हैं.
दूसरी ओर अनिश्चित वातावरण के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टी एक सितंबर तक के लिए शुक्रवार को बढ़ा दी. शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को खुलने वाले थे, लेकिन छुट्टी लगातार तीसरी बार बढ़ाई गई है.
सरकार ने इस्लामाबाद में शांति और महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए सेना के जवानों सहित लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर रखा है.
अभी तक विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है और शरीफ ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए किसी तरह के बल प्रयोग से इंकार किया है.
इस बीच समाज के एक वर्ग ने इमरान खान और कादरी से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का आग्रह किया है.
वर्ष 2013 में हुए पिछले आम चुनाव में इमरान की पार्टी नेशनल एसेंबली की 336 सीटों में से 35 सीटें जीतकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी.