पाक में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी
इस्लामाबाद | एजेंसी: पाक में नवाज शरीफ से इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद में सरकार विरोधी प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा. डॉन आनलाइन के मुताबिक, पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और पीएटी के प्रमुख ताहिरुल कादरी अपनी मांग पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि नई सरकार और नए तंत्र के गठन के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस्तीफा दें.
‘जज्बा और जुनून’ के नारे लगाते प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, “हम यहां नया पाकिस्तान बनाने के लिए एकजुट हुए हैं.”
इमरान ने सरकार को भंग करने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने पाकिस्तान में संसद का नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की है.
इमरान खान ने दावा किया है कि 2013 के चुनाव में धांधली हुई थी और शरीफ को ‘जाली जनादेश’ हासिल हुआ था.
इमरान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “जब तक नवाज शरीफ इस्तीफा नहीं दे देते, कोई कर न दें, बिजली बिल न भरें, जीएसटी न दें.”
इमरान ने दावा किया कि कर नहीं भरने से इस भ्रष्ट सरकार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, “मैं यह सविनय अवज्ञा अपने लिए नहीं कर रहा हूं, बल्कि यह आपलोगों के लिए कर रहा हूं.”
इमरान ने इस रैली के करने के दौरान खतरे मोल लेने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आंतरिक मंत्रालय ने उन्हें रैली करने से रोकने के लिए आगाह किया था और कहा था कि पंजाबी तालिबान उन पर हमले कर सकते हैं.
इमरान ने सवाल किया कि लाखों लोगों की सुनामी रैली अगर प्रधानमंत्री आवास की ओर कूच करेगी तो पुलिस क्या कर लेगी?
उल्लेखनीय है कि इमरान ने गुरुवार को लाहौर से रैली की शुरुआत की थी और 40 घंटे की लंबी यात्रा के बाद रैली इस्लामाबाद पहुंची.
सरकार ने सुरक्षा के लिए सेना की टुकड़ी सहित 30,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है.
इससे पहले पीएटी के प्रमुख ने अपने समर्थकों के बीच 10 सूत्री क्रांतिकारी एजेंडा पेश किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके भाई और पाकिस्तानी पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ से इस्तीफा, नेशनल असेंबली के साथ ही साथ प्रांतीय असेंबलियों को भंग करने ओर राष्ट्रीय सरकार के गठन की मांग की, लेकिन मध्यावधि चुनाव को खारिज कर दिया.
कादरी ने शरीफ बंधुओं व उनके मंत्रियों को गिरफ्तार करने और उनका नाम विदेश यात्रा से प्रतिबंधित लोगों की सूची में डालने की मांग की. उन्होंने कहा कि देश में क्रांतिकारी और सुधारवादी एजेंडे के साथ राष्ट्रीय सरकार का गठन होना चाहिए.