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पाक अदालत ने मांगा पीटीआई का बयान

इस्लामाबाद | एजेंसी: पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को शुक्रवार तक अपना संक्षिप्त बयान दाखिल कराने का निर्देश दिया. अदालत ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर पार्टी के मौजूदा प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिका पर यह निर्देश दिया. डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश नसीरुल मुल्क की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली वृहद पीठ ने मामले की सुनवाई की.

अदालत में हामिद खान और अहमद अवैसी ने पीटीआई की पैरवी की.

वकील अस्मा जहांगीर ने कहा कि अदालत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण किया है और हमेशा इस अधिकार को प्रोत्साहित किया है, लेकिन यह प्रभाव पैदा किया जा रहा है कि क्या यह आजादी निरपेक्ष है.

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जुलूस निकालने के अधिकार पर कुछ व्यावहारिक प्रतिबंध जरूरी है.

हामिद खान ने तर्क दिया कि पीटीआई एक शांतिपूर्ण दल है जिसने कभी भी संविधान का उल्लंघन नहीं किया है और पार्टी संविधानेतर कदम के खिलाफ है.

पीठ में शामिल न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनवर सईद खान खोसा ने टिप्पणी की कि यह कितना हास्यास्पद है कि दावे संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के किए जा रहे हैं और साथ ही संविधान एवेन्यू की घेराबंदी भी जारी है.

उन्होंने कहा कि पीटीआई अपनी मांग से पीछे नहीं हटे लेकिन कम से कम संविधान एवेन्यू से तो दूर हो जाए.

यह याचिका लाहौर उच्च न्यायालय के मुल्तान बार एसोसिएशन ने दायर की है.

इमरान के नेतृत्व में सरकार विरोधी मार्च गुरुवार को लाहौर से शुरू हुआ और करीब 36 घंटे बाद मार्च में शामिल लोग इस्लामाबाद पहुंचे. इमरान की पीटीआई और ताहिर-उल-कादरी की पाकिस्तान आवामी तहरीक के हजारों कार्यकर्ता एक सप्ताह से इस्लामाबाद में धरना देकर बैठे हैं. दोनों नेताओं ने 2013 के चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए शरीफ से इस्तीफा देने और नेशनल असेंबली सहित सभी प्रांतीय असेंबलियों को भंग करने की मांग की है.

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