छत्तीसगढ़ में गोबर से पेंट योजना गुड़ गोबर हुई
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में गोबर से पेंट बनाने की सरकारी योजना गुड़-गोबर हो चुकी है. राजधानी रायपुर हो या कोरबा, गोबर पेंट के निर्माण और उसकी ख़रीदी का मामला बदहाल है.
हालत ये है कि जिन गौठानों में गोबर से पेंट बनाये जाने की ख़बर और विज्ञापन को प्रचारित किया गया था, उन गोठानों में पेंट बनाने का काम बंद कर दिया गया है.
पिछले साल अप्रेल के महीने में रायपुर के हीरापुर-जरवाय में जब गोबर से पेंट बनाने का काम शुरु हुआ तो लगा कि काम चल निकलेगा.
सरकारी कार्यालयों की ख़रीदी के दम पर कुछ महीनों तक काम अच्छा चला लेकिन साल पूरा होने से पहले ही गोबर से पेंट बना कर लाखों की कमाई के सपने गुड़ गोबर हो गए.
हीरापुर-जरवाय में गोवर्धन महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष दानेश्वरी रात्रे के अनुसार तीन महीने से उनके समूह ने गोबर से पेंट बनाने का काम बंद कर दिया है क्योंकि इसका कोई ख़रीदार नहीं है.
पड़ोस के धरसींवा में भी पेंट बनाने का काम बंद पड़ा हुआ है.
फिर पहुंचा जेब में पैसा.. #गोधन_न्याय_योजना
आज पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 13 यूनिट शुरू हो चुकी हैं, अब तक 17936 लीटर पेंट का उत्पादन किया गया है। pic.twitter.com/UII9snGsYY
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 6, 2023
इसी तरह कोरबा ज़िले के दमिया में प्रतिदिन 500 लीटर गोबर पेंट निर्माण की क्षमता का दावा किया गया.
लेकिन हालत ये है कि पिछले चार महीने में यहां से केवल 270 लीटर पेंट ही बिक पाया है.
यहां पेंट का निर्माण करने वाली महामाया स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मान कुंवर के अनुसार समूह के पास 500 लीटर का स्टॉक पड़ा हुआ है. दूसरी ओर पेंट बनाने के लिए कच्चा माल ख़रीदने का पैसा नहीं है.
गोबर से पेंट बनाने की इस परियोजना पर कई करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
लेकिन ख़रीदी का हाल ये है कि राज्य सरकार के उपक्रम भी गोबर पेंट खरीदने से कतरा रहे हैं.
हालांकि सरकार का दावा है कि राज्य के गोठानों में बनाया जा रहा गोबर पेंट उच्च श्रेणी का है. कई ज़िलों में सफलता की कहानी अख़बारों में छपवाई जा रही है.