सूरजपुर के प्रेमनगर समिति से 1.75 करोड़ का धान गायब
सूरजपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को अब सिर्फ 8 दिन ही शेष बचे हैं. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने उपार्जन केन्द्रों में भौतिक सत्यापन का काम तेज कर दिया है.
भौतिक सत्यापन के दौरान सूरजपुर जिले के प्रेमनगर के धान खरीदी केन्द्र चंदननगर में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है.
यहां 7479 क्विंटल धान कम पाया गया है. जिसकी कीमत एक करोड़ 75 लाख रुपए है. वहीं समिति में 5272 नए बारदाने अधिक पाए गए हैं.
एक समिति में करीब पौने दो करोड़ रुपए का धान गायब होने से हड़कंप मच गया है.
मामले में समिति प्रबंधक सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन सूरजपुर कलेक्टर को भेजा गया है.
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए अलग-अलग टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश जिला प्रशासन दिए हैं.
जिसके चलते सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन ने जिले के सभी 54 धान खरीदी केंद्रों के भौतिक सत्यापन के लिए जिला स्तरीय दल का गठन किया है.
इस टीम द्वारा प्रेमनगर के खरीदी केन्द्र में भौतिक सत्यापन किया गया.
18661 बोरा धान मिला गायब
टीम को स्टॉक रजिस्टर में 85553 बोरे में 34235.50 क्विंटल धान उपलब्ध होना बताया गया.
लेकिन समिति में उपलब्ध धान की जांच के दौरान 66892 बोरे, वजन 26756.80 क्विंटल अनुमानित धान पाया गया.
इतना ही नहीं समिति में 18661 बोरा धान गायब मिला. जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है.
गायब धान का वजन 7478.7 क्विंटल होता है. जिसकी कीमत 2350 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लगभग 1 करोड़ 75 लाख 74 हजार 945 रुपए होता है.
वहीं 3100 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत से गायब धान की कीमत 2 करोड़ 31 लाख रुपए आंकी गई है. जांच के दौरान खरीदी प्रभारी ठाकुर प्रसाद गायब थे.
इसके बाद अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रकरण सूरजपुर कलेक्टर के समक्ष पेश किया गया है.
जगदलपुर में 32875 एकड़ रकबा समर्पित
इधर बस्तर संभाग के 50 हजार 267 किसानों ने 32875 एकड़ रकबा को समर्पित कर दिया है.
इससे सरकार को करीब 214 करोड़ रुपए का बचत हुआ है.
किसानों की इस समझदारी से अब बिचौलिए अपना धान इन रकबों पर नहीं खपा पाएंगे.
राज्य सरकार ने इस साल किसानों से अतिरिक्त रकबा समर्पित करने की अपील की थी. जिसका लाभ बस्तर में अधिक मिला है.
बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा कांकेर जिला में 23288 किसानों ने अपना रकबा समर्पित करते हुए पहले स्थान पर है.
सरकार के बचाए 214 करोड़
दूसरे नंबर पर कोण्डागांव है, जहां 15391 किसान और तीसरे नंबर पर बस्तर जिला है जहां 10068 किसानों ने अपना रकबा समर्पित किया है.
इसी तरह संभाग के अन्य जिलों को मिलाकर 50 हजार 267 किसानों द्वारा रकबा समर्पित किया गया है.
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदा जा रहा है.
एक क्विंटल धान का 31 सौ रुपये के हिसाब से भुगतान करने का वादा किया है.
इस हिसाब से 32875 एकड़ रकबा समर्पित करने पर सरकार को 214 करोड़ रुपए की बचत हुई है.