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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 15 नवंबर से

रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी इस साल 1 नवंबर के बजाय 15 नवंबर से शुरू हो सकती है.

दीपावली और राज्य स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है.

हालांकि इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया जाएगा.

धान खरीदी को लेकर खाद्य मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक हुई.

बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा की गई.

बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए.

प्रदेश में पिछले साल राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर से ही धान खरीदी शुरू हुई थी.

इस साल 1 नवंबर को ही दीपावली का त्यौहार पड़ रहा है. जिस वजह से धान खरीदी को 15 दिन बाद शुरू करने पर सहमति बनी है.

21 क्विंटल प्रति एकड़ ख़रीदा जाएगा

प्रदेश के पंजीकृत किसानों से इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन के माध्यम से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी का निर्णय लिया गया है.

सभी उपार्जन केन्द्रों को इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन की व्यवस्था करने को भी कहा गया है.

धान खरीदी सुव्यस्थित हो तथा किसानों को सरलता के साथ बारदाना उपलब्ध हो सके, इसके लिए जूट कमिश्नर और जेम के माध्यम से बारदाना खरीदी का निर्णय लिया गया है.

बैठक में धान उठाव और कस्टम मिलिंग, केन्द्रीय पूल और छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा कराने तथा परिवहन के संबंध में भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई.

चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव किया जाएगा. 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से धान उठाव का निर्णय लिया गया है.

160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी.

वर्तमान में राज्य में 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है.

साथ ही धान खरीदी व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए कम्प्यूटर, इंटरनेट के साथ ही उपार्जन केन्द्र आने वाले किसानों के लिए बैठक और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.

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