ऑस्टियोपोरोसिस से पुरुष भी प्रभावित
नई दिल्ली | एजेंसी: पहले यह माना जाता था कि ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी केवल महिलाओं को ही होती है लेकिन ताजातरीन अध्धयन ने यह झूठला दिया है. अब विशेषज्ञों का कहना है कि पुरुषो में भी यह बीमारी देखी जा रही है. विशेष तौर पर 60 वर्ष से अधिक के पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस तेजी से प्रभावित कर रहा है.
शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलटी अस्पताल के परामर्शदाता हेमंत गोपाल ने बताया, “पूर्व में महिलाओं से संबंधित माना जाने वाला अस्थि रोग ऑस्टियोपोरोसिस अब पुरुषों में भी तेजी से बढ़ रहा है. यह समस्या 60 वर्षीय या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है.”
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों में कैल्शियम की कमी की वजह से होता है. यह कमी आगे चलकर कूल्हे, घुटनों और कंधों में फै्रक्चर की वजह बनती है.
दुनिया में कोरोनरी हृदय रोग के बाद इस रोग को दूसरा सबसे आम स्वास्थ्य जोखिम माना जाता है. 93 प्रतिशत महिलाएं इसके प्रति जागरूक हैं, लेकिन उनमें से महज आठ से 10 प्रतिशत यह जानती हैं कि वे इससे ग्रस्त हैं.
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2013 के अंत तक करीब 360 लाख लोग इससे पीड़ित होंगे.
फोर्टिस अस्पताल में हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर धनंजय गुप्ता ने बताया, “जब कोई कूदता है तो सारा वजन हड्डियों पर पड़ता है और यह हड्डियों के विकास के लिए उपयोगी है. हाथों, घुटनों और जोड़ों पर भार पड़ना चाहिए ताकि वे मजबूत हों.”
विटामिन डी की कमी और खनिजयुक्त भोजन का अभाव भी अस्थियों में कैल्यिशम की कमी की अन्य वजह हैं. इसके लिए चिकित्सक धूप लेने की सलाह देते हैं.
अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ आर्थोपेडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन राजीव के.शर्मा ने बताया, “कुछ फै्रक्चरों की पहचान सालों तक नहीं हो पाती. लेकिन मरीज को जब तक कष्टकारी फै्रक्चर नहीं होते, उन्हें उनकी ऑस्टियोपोरोसिस समस्या के बारे में पता ही नहीं चलता है. इसलिए हम 35 वर्ष से अधिक उम्र वालों को बोन डेंसिटी की जांच कराते रहने की सलाह देते हैं.”
कुल मिलाकर डॉक्टर कहते हैं कि महिलाओं और पुरुषों दोनों को व्यायाम करना चाहिए. पौष्टिक आहार लेना चाहिए ताकि हड्डी रोग ना हों. डॉक्टरो का कहना है कि नियमित सूर्य स्नान से महिलाओं तथा पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम हो जाती है.