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कोयला ब्लॉकों का ई-ऑक्शन होगा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केन्द्र सरकार कोल ब्लॉकों का ई-ऑक्शन करने के लिये अध्यादेश लाएगी. सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसका फैसला हुआ है. गौरतलब है कि सर्वोच्य न्यायालय ने सभी कोल ब्लॉकों आवंटन को अवैध घोषित किया है तथा उन्हें 6 माह तक खनन की अनुमति दी है. उसके बाद कोल ब्लॉकों के आवंटन के लिये केन्द्र सरकार को कदम उठाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर अध्यादेश लाने का फैसला किया है. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आवंटित कोयला ब्लॉक रद्द किए जाने के कारण लंबित मामलों के निपटारे के लिए यह निर्णय लिया गया. जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अध्यादेश जारी करने का सुझाव देगी.

उन्होंने कहा, “मंत्रिमंडल ने लंबित मुद्दों के समाधान के लिए अध्यादेश जारी करने की सलाह राष्ट्रपति को देने की सिफारिश की है. इन मुद्दों में कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से उपजी स्थिति भी शामिल है.”

जेटली ने कहा कि अध्यादेश के तहत सभी रद्द किए गए आवंटित कोयला ब्लॉकों को तीन मुख्य श्रेणियों विद्युत, इस्पात और सीमेंट में फिर से नीलामी के लिए रखा जाएगा.

इन कोयला ब्लॉकों की उसके वास्तविक उपयोगकर्ता को पारदर्शी तरीके से ई-ऑक्शन के जरिए नीलामी की जाएगी. नीलामी प्रक्रिया में सरकार के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं रहेगा.

जेटली ने कहा, “संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पिछली सरकार ने जितने भी गड़बड़झाले किए हैं, उन सबको अगले चार महीनों में सुलझा लिया जाएगा.”

जेटली ने पत्रकारों को बताया कि विवादित सभी कोयला ब्लॉक पूर्वी क्षेत्र में स्थित हैं तथा नीलामी के जरिए एकत्रित राजस्व संबंधित राज्य को दे दिया जाएगा.

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