पाकिस्तानी जांच दल का विरोध
पठानकोट | समाचार डेस्क: पठानकोट हमलें की पाकिस्तान की जांच टीम का भारत नें विरोध हो रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि पाकिस्तान की जांच टीम में आईएसआई का सदस्य भी शामिल है. वहीं रक्षामंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पाक जांच टीम को हवाईअड्डे के ऑपरेशनल एरिया में जाने नहीं दिया जायेगा. पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने मंगलवार को संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के निशान ढूंढ़ने के लिए पंजाब में कई जगहों का दौरा किया और वे वायुसेना अड्डे के एक हिस्से में भी गए. पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर दो जनवरी को आंतकवादी हमला हुआ था, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी समेत सभी आतंकवादी मारे गए थे.
पाकिस्तान की पांच सदस्यीय जेआईटी टीम ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के अधिकारियों के साथ विभिन्न स्थानों का दौरा किया.
इससे पहले जेआईटी के आने की खबर लगते ही यहां मंगलवार सुबह भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के हवाईअड्डे के करीब विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके कारण जेआईटी की टीम को वायुसेना अड्डे में पिछले हिस्से से ले जाया गया.
जेआईटी की टीम एक मिनी बस में थी, जिसमें एनआईए के अधिकारियों के साथ वे पंजाब पुलिस के इलीट स्वात कमांडों के घेरे में थे.
पंजाब में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वायुसेना अड्डे के मुख्य द्वार के आगे तथा उस मार्ग के करीब विरोध-प्रदर्शन किया, जहां से पाकिस्तान की जांच टीम को ले जाया रहा था. प्रदर्शनकारी हाथ में काले झंडे व बैनर लिए हुए थे.
बैनरों पर पाकिस्तानी टीम विशेषकर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों के नाम लिखे हुए थे.
जेआईटी सदस्य वायुसेना अड्डे में एक विशेष दरवाजे से घटनास्थल तक पहुंचे, जो कि परिसर के भीतर सीमित स्थान तक ही ले जाता है. जेआईटी सदस्यों को वायुसेना अड्डे के तकनीकी क्षेत्र से दूर रखा गया और केवल उन्हीं जगहों तक ले जाया गया, जहां दो जनवरी को सुरक्षाकर्मियों की पाकिस्तानी आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई थी.
जेआईटी सदस्य रविवार को देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंचे और देश की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की. जेआईटी सदस्य मंगलवार सुबह अमृतसर के लिए रवाना हो गए.
पूर्व में विपक्षी राजनीतिक दलों के पाकिस्तानी जांच दल के दौरे का विरोध करने की धमकी देने के चलते यहां आईएएफ के हवाईअड्डे के इर्दगिर्द सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
इससे पहले आईएएफ के एक अधिकारी ने कहा, “हमने हवाईअड्डे की बैरिकैटिग कर दी है. घटनास्थल के चारों तरफ टेंट वॉल खड़ी कर दी है. जेआईटी सदस्यों को कुछ भी नहीं दिख पाएगा. हवाईअड्डे के एक खास हिस्से में स्थित एक खास द्वार के जरिए एंट्री होगी.”
पंजाब पुलिस के उप महानिरीक्षक(डीआईजी) कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि एनआईए पाकिस्तान की जेआईटी को उस मुठभेड़ स्थल पर ले जाएगी.
उन्होंने कहा, “टीम को मुठभेड़ वाली जगह पर पहुंचाया जाएगा.”
यहां रक्षा सूत्रों ने कहा कि जेआईटी के सदस्यों को उन आतंकवादियों के शव भी दिखाए जा सकते हैं, जिन्हें एक सरकार अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है.
जेआईटी सदस्यों के साथ एनआईए के अधिकारी भी होंगे. जेआईटी को पठानकोट मुठभेड़ से जुड़े किसी भी आईएएफ या अन्य रक्षा या सुरक्षा अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत नहीं करने दी जाएगी.
वहीं, इससे पहले सोमवार को रक्षामंत्री मनोहर पíरकर ने पणजी में कहा था कि पाकिस्तानी टीम को सिर्फ ‘घटनास्थल’ पर ले जाया जाएगा. उन्हें हवाईअड्डे के ऑपरेशनल एरिया में नहीं जाने दिया जाएगा.