विपक्ष ने तेल मूल्य वृद्धि का विरोध किया
नई दिल्ली | एजेंसी: विपक्षी दलों ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल मूल्य में हाल में हुई वृद्धि का राज्यसभा में विरोध किया, इसे वापस लेने की मांग की और सदन से बहिर्गमन किया. वामपंथी दलों ने जहां लोकसभा में कुछ समय के लिए इस मुद्दे को उठाया, वहीं राज्यसभा में विरोध का स्वर अधिक मजबूत दिखा, जहां सरकार अल्पमत में है.
उन मीडिया रपटों के आधार पर भी सरकार की आलोचना हुई, जिनमें बताया गया था कि सरकार पेट्रोल की मांग घटाने के लिए रात में पेट्रोल पंप बंद करने की योजना पर विचार कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “सरकार विवेक खो चुकी है. क्या पेट्रोल की खपत कम करने का यही तरीका है?”
उन्होंने कहा, “सरकार भ्रमित है. वह यह नहीं जानती कि क्या करे. यदि पेट्रोल पंप रात में बंद होंगे, तो दिन में कतारें लंबी लगेंगी.”
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने हालांकि इस खबर को गलत बताया.
मोइली ने कहा, “हमने कोई फैसला नहीं किया है. यह हमारा विचार नहीं है. यह विचार जनता से तथा अन्य लोगों से आया है.”
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठा. इसके बाद वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए सदन से बहिर्गमन किया.
भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “संसद का सत्र चालू है और बिना इसकी अनुमति लिए कीमत बढ़ाई गई.”
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में पोस्टर लहराकर डीजल मूल्य वृद्धि वापस लिए जाने की मांग की.
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “इस सरकार ने आम जनता के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी है और परिणामस्वरूप हर चीज की कीमत बढ़ जाएगी.”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता प्रशांत चटर्जी ने कहा, “तीन महीने में छठी बार कीमत बढ़ाई गई है. इससे आम जनता की कठिनाई बढ़ जाएगी.”
कई और सदस्यों ने अध्यक्ष से इस मुद्दे पर अपनी राय रखने देने की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “चूंकि हमें बोलने नहीं दिया गया, इसलिए हम बहिर्गमन कर रहे हैं.”
पिछले सप्ताह पेट्रोल की कीमत 2.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई थी.