समाजवादी ‘दंगल’ का फायदा भाजपा को
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: उत्तरप्रदेश में जारी समाजवादी दंगल का सीधा फायदा भाजपा को होने जा रहा है. लेकिन यदि समाजवादी पार्टी टूट से बच जाती है तो उसे काफी सीटें मिलने की संभावना है. यह उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर एबीपी न्यूज-लोकमत-सीएसडीएस सर्वे का नतीजा है. इस सर्वे के अनुसार यदि समाजवादी पार्टी टूट जाती है तो उसका सबसे ज्यादा फायदा भाज को होगा तथा उसे 158-168 सीटें मिलने की संभावना है. यदि समाजवादी पार्टी नहीं टूटती है तो उसे 141-151 सीट तथा भाजपा गठबंधन को 129-139 सीटें मिलती दिख रही हैं.
पहली स्थिति जब समाजवादी पार्टी टूटती है तब-
ऐसी स्थिति में भाजपा को 158-168 सीटें मिल सकती हैं. जबकि बसपा 110-120 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर आ सकती है. तथा अखिलेश 82-92 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक सकते हैं. मुलायम की सपा को 9-15 सीटें मिलेंगी.
दूसरी स्थिति जब अखिलेश-कांग्रेस साथ चुनाव लड़ते हैं तब-
अगर अखिलेश-कांग्रेस साथ चुनाव लड़ते हैं तो इस गठबंधन को 133-143 सीटें, बसपा को 105-115 सीटें, भाजपा व सहयोगियों को 138-148 सीटें मिल सकती हैं.
तीसरी स्थिति यदि समाजवादी पार्टी नहीं टूटती है तब-
ऐसे हाल में 141-151 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी सबसे आगे है. जबकि भाजपा और सहयोगी दल 129-139 सीट जीतते नजर आ रहे हैं. बसपा को 93-103 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को सिर्फ 13-19 सीटें मिलेंगी.
क्षेत्रवार स्थिति-
इस सर्वे में पूर्वी उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी को 35 फीसदी, बसपा को 18 फीसदी और भाजपा को 30 फीसदी लोगों ने वोट देने की बात कही. पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भाजपा आगे हैं. यहां उसे 37 फीसदी लोगों का समर्थन मिला है, जबकि सपा को 16 और बसपा को 12 प्रतिशत लोगों ने वोट देने को कहा है.
जहां तक जातिगत आधार की बात है-
सर्वे में सामने आया है कि उत्तरप्रदेश का 75 फीसदी यादव वोटर सपा के साथ है. जबकि बसपा के साथ 4, भाजपा के साथ 14 और कांग्रेस के साथ 5 फीसदी यादव वोटर हैं.
* 54 फीसदी मुस्लिम सपा के साथ हैं, 14 फीसदी बसपा के साथ, 9 फीसदी भाजपा के साथ व 7 फीसदी कांग्रेस के साथ हैं
* 12 फीसदी सवर्ण वोटर सपा, 8 फीसदी बसपा, 55 फीसदी भाजपा, 10 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं.
* 56 फीसदी अन्य दलित बीएसपी, 16 फीसदी सपा, 13 फीसदी भाजपा तथा 11 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं.
* जाटव में 7 फीसदी, बीएसपी 74 फीसदी, भाजपा 8 फीसदी और कांग्रेस को 4 फीसदी ने वोट देने की बात कही.
सर्वे में हिस्सा लेने वाले 41 फीसदी लोगों को लगता है कि मायावती से बेहतर सरकार अखिलेश यादव ने दी है. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिये पहली पसंद भी अखिलेश ही हैं. उन्हें 28 फीसदी लोग तथा मायावती को 21 फीसदी सीएम पद पर देखना चाहते हैं.
समाजवादी पार्टी के वोटरों से किए गए सर्वे में 83 फीसदी ने कहा कि वे अखिलेश को सीएम चाहते हैं, जबकि सिर्फ 6 फीसदी ने मुलायम का नाम लिया. सिर्फ 2 फीसदी ने रामगोपाल यादव को सीएम चुनने की बात कही. इस तरह से इस सर्वे के अनुसार भाजपा को तभी फायदा हो सकता है जब समाजवादी पार्टी टूटे तथा अखिलेश यादव का कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने पाये.