पहले चरण में 67 फीसदी मतदान
जगदलपुर | एजेंसी: नक्सलियों की चुनाव बहिष्कार की मांग को धता बताते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 67 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया.
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुजूर ने इसकी पुष्टि की है. पहले चरण में सोमवार को नक्सल प्रभावित इलाकों की 18 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ जिसमें बड़े नक्सली हमले की आशंका जताई जा रही थी.
सोमवार को हुई वोटिंग में कांकेर जिले में विस्फोट और जगदलपुर में झड़प की घटनाएं हुईं. इस दौरान दंतेवाड़ा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया जबकि दो घायल हो गए.
श्री कुजूर ने कहा कि दंतेवाड़ा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के एक जवान वी.सी. जोसफ की मौत हो गई जबकि दो जवान घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
राज्य में सोमवार के चुनाव में 143 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, उनकी किस्मत का फैसला लगभग 29 लाख मतदाता करेंगे. बस्तर में 12 और राजनांदगांव में छह सीटों के लिए मतदान कराए गए. दोनों ही खनिज पदार्थो से संपन्न और घने जंगलों वाले इलाके हैं जो कि नक्सलियों के गढ़ माने जाते हैं.
दंतेवाड़ा में एक मतदान केंद्र पर संदिग्ध नक्सलियों द्वारा गोलीबारी शुरू करने पर मतदान 10-15 मिनट के लिए रोक दिया गया था. उधर, कांकेर जिले में हुए विस्फोट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गया, जबकि बीजापुर में 10 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया. बस्तर क्षेत्र की 12 और राजनांदगांव की छह सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे.
पहले चरण में 18 विधानसभा क्षेत्रों के 4,142 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया गया. इनमें से 1,311 केंद्र अति संवेदनशील और 1,517 संवेदनशील थे. पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि बस्तर के अलग-अलग हिस्सों से 15 देसी बम बरामद किए गए.
बीजापुर, सुकमा, कोंटा और अनंतगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में जंगली इलाकों में स्थित नौ केंद्रों पर नक्सलियों ने मतदान में बाधा डाली.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने टेलीविजन चैनलों को बताया कि यहां अच्छा मतदान हुआ है. मतदाताओं के बीच उत्साह है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए अच्छा संकेत है. इधर, जगदलपुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई है. झड़प में जगदलपुर से कांग्रेस उम्मीदवार सामू कश्यप को चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
नक्सल प्रभावित 18 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान सोमवार सुबह धीमी गति से शुरू हुआ. ये क्षेत्र नक्सलियों के गढ़ माने जाते हैं और यहां के जंगली इलाकों में स्थित मतदान केंद्र वीरान नजर आ रहे थे, यहां दिन चढ़ने के साथ मतदान में तेजी आई.
‘राइट टू रिजेक्ट’ के नाम से लोकप्रिय नन ऑफ द एबव (एनओटीए) के विकल्प को भी वोटिंग मशीन में रखा गया है, जिसकी शुरुआत भारत में छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रथम चरण के मतदान से हुई.
यहां 13 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान सुबह सात बजे और पांच अन्य केंद्रों पर सुबह आठ बजे शुरू हुआ. बस्तर क्षेत्र के जंगली इलाकों के अधिकांश मतदान केंद्र शुरुआत में वीरान नजर आए. जिन केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, वहां दोपहर तीन बजे मतदान संपन्न हो गया, ताकि अधिकारी सूर्यास्त तक नक्सल प्रभावित इलाकों से सुरक्षित लौट सकें. अगले चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा.