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छत्तीसगढ़ में एक और हाथी की मौत

रायपुर | संवाददाता: हाथियों का कब्रगाह बन चुके छत्तीसगढ़ में एक और हाथी मारा गया. हसदेव अरण्य जिस ज़िले में है, उसी सूरजपुर ज़िले के प्रतापपुर इलाके में दरहोरा सरहरी में गुरुवार को एक हाथी का शव मिला है.

वन विभाग के अधिकारियों को इस शव की खबर तब मिली, जब हाथी के शव से बदबू आने लगी.

अधिकारियों का अनुमान है कि मादा हाथी की मौत कम से कम एक सप्ताह पहले हो चुकी होगी. जब मादा हाथी के शव से बदबू आने लगी तो ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी.

हाथी का शव ग्राम पंचायत के आरएफ 91, दरहोरा बीट में मिला है. फिलहाल हाथी की मौत का कारण पता नहीं चल पाया है.

इस इलाके में हाथियों का एक दल लगातार घूम रहा है. अपनी फसलों को बचाने के लिए किसान तार लगाते हैं. जिसमें कई बार जानबूझ कर करंट की धारा प्रवाहित कर दी जाती है.

हसदेव अरण्य के इलाके में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साफ मनाही के बाद भी सरकारों ने अडानी के एमडीओ वाले तीन कोयला खदानों को मंजूरी दी. भारत सरकार की वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस इलाके में दो सालों तक अध्ययन के बाद कहा था कि हसदेव के इलाके में एक भी नये खदान की मंजूरी से, मानव-हाथी द्वंद्व इस हद तक बढ़ेगा कि इसे रोक पाना राज्य सरकार के लिए असंभव हो जाएगा.

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