10 लाख मराठों का मूक प्रदर्शन
नई दिल्ली | बीबीसी: सोलापुर में 10 लाख मराठों ने मूक प्रदर्शन किया है. पिछले कुछ दिनों ने महाराष्ट्र में मराठों के प्रदर्शन की बाढ़ सी आ गई है. सबसे हैरत की बात है कि अभी तक इन लाखों मराठों के प्रदर्शन के पीछे किसी खास व्यक्ति या राजनीतिक दल के होने का पता नहीं चला है. मराठों की कुछ मांगें हैं, जिन पर प्रदर्शन किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के सोलापुर शहर में मराठा समुदाय के लाखों लोगों का मूक प्रदर्शन हुआ है. शहर में लाखों लोग जमा हुये और अनोखी बात ये रही कि पूरे प्रदर्शन में कोई कुछ बोल नहीं रहा था.
महाराष्ट्र में मराठा मोर्चा क्यों?
ये सभी लोग लगभग 200 एकड़ के होम ग्राउंड पर जमा हुये थे और इनकी गाड़ियों लगभग इतने ही बड़े पार्किंग में खड़ी की गई थीं. स्थानीय पत्रकार राकेश कदम के मुताबिक पुलिस अधिकारियों का मानना है कि लगभग 10 लाख लोगों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया. प्रदर्शनकारियों का जुलूस लगभग 12 किलोमीटर लंबा था.
इस प्रदर्शन का नेतृत्व पांच लड़कियां कर रही थीं जिन्होंने अपनीं मांगे जिलाधीश को सौंपीं. मराठों की मुख्य मांग कोपरडीह गांव में मराठा लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के अभियुक्त के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करने और त्वरित जांच की है.
उनकी दूसरी मांग मराठा लोगों को अति पिछड़ा ओबीसी वर्ग में शामिल कर नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने की है.
प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगों में किसानों के लिए पेंशन और किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए नये प्रावधान बनाने को लेकर है.
महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों में आत्महत्या करने वाले किसानों में मराठा लोगों की संख्या सबसे अधिक है.
प्रदर्शनकारियों की ये भी मांग है कि दलितों की सुरक्षा के लिए बनाए गये कानूनों का गलत इस्तेमाल हो रहा है और सरकार इस गलत इस्तेमाल पर भी रोक लगाये.
महाराष्ट्र के मराठों का यह संगठित प्रदर्शन किसी दिन किसी राजनीतिक मंच की पनाह ले ले या आकार ग्रहण कर ले तो आश्चर्य न होगा क्योंकि उनके द्वारा उठाई गई मांगे राजनीति में नेतृत्वकारी भूमिका के बिना पूरी होती नहीं दिख रही है. खासकर, किसानों से संबंधित मांगें तथा ओबीसी में शामिल करने की मांग. (बीबीसी के इनपुट के आधार पर.)