उमर अब्दुल्ला बने जम्मू-काश्मीर के मुख्यमंत्री
श्रीनगर| डेस्कः नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं सुरिंदर चौधरी को डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. उमर अब्दुल्ला के साथ सुरिंदर चौधरी, सतीश शर्मा, जावेद अहमद डार, सकीना इटू और जावेद राणा ने मंत्री पद की शपथ ली है.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई. हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी सरकार में शामिल नहीं हुई है. कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया है.
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रहे.
उमर अब्दुल्ला पहले भी जनवरी 2009 से जनवरी 2014 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. तब जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य हुआ करता था, अब केन्द्र शासित प्रदेश है. उस समय जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का हुआ करता था.
अब बाकी राज्यों की तरह यहां का कार्यकाल भी 5 साल का होगा.
कौन हैं डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी
सुरिंदर चौधरी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना को चुनाव में हराया था. वह नौशेरा से विधायक हैं.
सुरिंदर चौधरी पहले पीडीपी में भी रह चुके हैं.
साल 2014 में भी सुरिंदर चौधरी ने नौशेरा से ही चुनाव लड़ा था, लेकिन तब रवींद्र रैना 10 हजार वोटों से चुनाव जीत गए थे.
जावेद डार-
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता जावेद अहमद डार राफियाबाद सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
वे पहली बार विधायक बने हैं.
जावेद डार जिस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं उसे नेशनल कॉन्फ्रेंस गढ़ माना जाता है.
सकीना इट्टू-
सकीना इटटू दक्षिण कश्मीर के कुलगाम की डीएच पोरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं.
पहली बार साल 1996 में चुनाव जीत कर जम्मू-काश्मीर की सबसे युवा विधायक बनी थीं.
सकीना इटटू पहले भी मंत्री रह चुकी हैं.
समाज कल्याण राज्य मंत्री और लोक निर्माण जैसे विभागों की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली थी.
जावेद अहमद राणा- जावेद अहमद राणा पीर पंजाल रेंज के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
राणा नेशनल कॉन्फ्रेस के वरिष्ठ नेता हैं.
वह 2002 और 2014 में इसी सीट से विधायक बने थे.
हालांकि पीएम मोदी को लेकर विवादस्पद बयान को लेकर साल 2019 में उनकी बेहद आलोचना हुई थी.
सतीश शर्मा-
सतीश शर्मा निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. हालांकि चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया.
सतीश शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजीव शर्मा को चुनाव में हराया था.
कांग्रेस ने किया सरकार से बाहर रहने का फैसला
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जब तक नहीं मिल जाता उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग की है. प्रधानमंत्री ने भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में इसका वादा किया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया है. इससे हम नाखुश हैं और इसलिए फिलहाल हम मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं.