जब छत्तीसगढ़ आये थे ओम पुरी
रायपुर | संवाददाता: साल 2014 व 2015 में ओम पुरी छत्तीसगढ़ आये थे. साल 2014 में ओम पुरी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ खबर, कंजरवेशन कोर सोसायटी, छत्तीसगढ़ वन विभाग और कलर्स मॉल की ओर से छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय स्तर के फिल्म महोत्सव में भाग लिया था. इस अवसर पर फिल्म अभिनेता ओमपुरी ने कहा था कि वनों के संरक्षण के लिये हमें अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिये, अपने घर-आंगन और खेतों की मेड़ों पर पेड़ लगाने चाहिये. लकड़ी का कम से कम उपयोग और पेड़ों को कटने से बचाने का प्रयास भी किया जाना चाहिये.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 3 अक्टूबर 2014 को कंजरवेशन कोर सोसायटी द्वारा आयोजित परिचर्चा की शुरुआत करते हुये उन्होंने कहा था कि देश में 72 फीसदी कोयला गैर वन क्षेत्रों में है तथा 27 फीसदी कोयला वन क्षेत्रों में है. उन्होंने उद्योगपतियों से आग्रह किया था कि पहले कोयला गैर वन क्षेत्रों से निकाले.
वाइल्ड लाइफ फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन सुबह के सत्र में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्र में बोलते हुए फिल्म फेस्टिवल के मुख्य अतिथि अभिनेता ओमपुरी ने कहा कि यदि शिकार का शौक है तो निहत्थे जंगल जाओ. हथियार लेकर जाने की क्या जरूरत है.
उन्होंने कहा था कि जंगलों तथा वन्य जीवों को बचाने के लिये सड़कों पर उतरने की जरूरत है. सरकार सड़कों पर उतरने से बात सुनती है. इसका उदाहरण उन्होंने दिल्ली के निर्भयाकांड का दिया.
ओम पुरी छत्तीसगढ़ के कंजरवेशन कोर सोसायटी के मुख्य संरक्षक भी थे.
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