ओम बिरला बने लोकसभा के स्पीकर
नई दिल्ली | डेस्क: ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं. उन्होंने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कोडिकुन्नील सुरेश को चुनाव में हरा दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा. इसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया. वहीं, शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए कोडिकुन्नील सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा और आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने इसका अनुमोदन किया, लेकिन के सुरेश चुनाव हार गए.
इस मौक़े पर पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ओम बिरला को स्पीकर की कुर्सी तक छोड़कर आए और ओम बिरला को बधाई दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि ”आप आने वाले पांच साल हम सबका मार्गदर्शन करेंगे. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति सदृश होता है और आपको मीठी मुस्कान भी मिली हुई है.”
मोदी ने कहा, ”18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार संभालना…ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनते हम देख रहे हैं. श्री बलराम जाखड़ पहले ऐसे अध्यक्ष थे जिन्हें पांच साल कार्यकाल पूरा कर के फिर दोबारा स्पीकर बनने का अवसर मिला था. उसके बाद आप हैं जिन्हें पांच साल पूरा करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है.”
प्रधानमंत्री ने कहा ”गत 20 साल का एक ऐसा कालखंड रहा है कि ज्यादातर स्पीकर या तो दोबारा चुनाव नहीं लड़े या फिर जीतकर नहीं आए हैं. आप समझ सकते हैं कि स्पीकर का काम कितना है लेकिन आप जीतकर आए हैं, आपने नया इतिहास गढ़ा.”
उन्होंने कहा, ”इस सदन के ज्यादातर सांसद आपको जानते हैं. लेकिन आप एक सांसद के नाते काम करते हैं, ये भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है. मुझे विश्वास है कि आपकी कार्यशैली हमारे युवा सांसद और पहली बार चुनकर आए सांसदों को ज़रूर प्रेरणा देगी.”
इस मौक़े पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ”ज़ाहिर है कि सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता रहा है.”
राहुल गांधी बोले, ”इस बार विपक्ष भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व ज़्यादा दमदार तरीक़े से कर रहा है. विपक्ष आपको संसद चलाने में मदद करेगा. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सहयोग भरोसे के साथ होना चाहिए.”
उन्होंने कहा, ”विपक्ष की आवाज़ संसद में सुनाई दे, यह बहुत ज़रूरी है. हमें पूरी उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज़ संसद में दबाई नहीं जाएगी. सवाल यह नहीं है कि संसद कितनी शांति से चल रही है. सवाल यह है कि भारत के लोगों की आवाज़ उठाने के लिए कितनी अनुमति मिलती है.”
राहुल गांधी ने कहा, ”आप विपक्ष की आवाज़ दबाकर संसद को शांति से चला सकते हैं लेकिन यह आइडिया अलोकतांत्रिक है. स्पीकर की यह ज़िम्मेदारी होती है कि संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करे.”